प्रयागराज:केंद्र सरकार ने बैंक से ली जाने वाली चेकबुक पर भी 18 फीसदी जीएसटी लगा दिया है.जिसका सीधा असर बैंकों में अकाउंट रखने वाले करोड़ों लोगों पर पड़ेगा. अभी तक बैंक सिर्फ चेकबुक जारी करवाने वाले अकाउंट होल्डर्स से सर्विस टैक्स ही लेती थी. लेकिन अब उन्हें चेकबुक लेने पर 18 प्रतिशत जीएसटी भी चुकानी पड़ेगी. हालांकि सरकार लोगों को इससे भी बड़ा झटका देने वाली है. चर्चा है कि सरकार प्रॉपर्टी गेन टैक्स को भी 20 फीसदी से बढ़ाकर 25-30 फीसदी कर सकती है. अगर सरकार ने यह नियम लागू किया तो इसका सीधा असर उन लोगों पर पड़ेगा, जो लंबे समय के लिए प्रॉपर्टी अथवा म्यूचअल फंड में निवेश करते हैं. ईटीवी भारत ने सरकार के इन फैसलों के बारे में बैंकिंग और टैक्सेशन के एक्सपर्ट वी. के. सिन्हा से बात की.
जितना कम इस्तेमाल होगा चेक, उतना ही कम होगा विवाद :इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंट वी. के. सिन्हा ने बताया कि सरकार ने चेकबुक लेने पर 18 फीसदी का जीएसटी टैक्स लगा दिया. हालांकि अकाउंट होल्डर्स को पहले चेकबुक जारी कराने पर सिर्फ सर्विस टैक्स देना पड़ता था. वी के सिन्हा ने बताया कि सरकार चेक से लेनदेन को कम करना चाहती है. चेकबुक पर जीएसटी लगाने का मकसद है कि लोग मनी ट्रांसफर या निकासी के लिए चेक का इस्तेमाल करना कम करें और डिजिटल लेनदेन में रुचि लें. उन्होंने बताया कि चेक से लेनदेन की वजह से विवाद होते रहे हैं. कोर्ट में चेक बाउंस होने से जुड़े मुकदमों का अंबार लगा है. बैंक से लेकर कोर्ट कचहरी तक बड़ी संख्या में मामले लटके हुए हैं. इस कारण सरकार चाहती है कि चेक के जरिये होने वाले लेनदेन की जगह पर लोग डिजिटल तरीके से ऑनलाइन ही लेनदेन करें. डिजिटल बैंकिंग में मनी ट्रांसफर आसानी से हो जाता है. चेक का इस्तेमाल कम होने के कारण विवादों में कमी आएगी और डिजिटल बैंकिंग को भी बढ़ावा मिलेगा.