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टीबी को जड़ से समाप्त करने के लिये बच्चों को लें गोद: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

प्रयागराज के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह सोमवार को संपन्न हुआ. इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं को संबोधित किया.

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Published : Nov 11, 2019, 11:17 PM IST

प्रयागराज में राज्यपाल ने छात्रों को किया संबोधित.

प्रयागराज:प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया राज्य विश्वविद्यालय का दूसरा दीक्षांत समारोह सोमवार को नैनी स्थित प्रांगण में संपन्न हुआ. दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची उत्तर प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने पदक प्राप्त छात्र-छात्राओं को संबोधित किया.

दीक्षांत समारोह में छात्रों को बताई गई जीवन से जुड़ी बातें.
छात्रों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज आप लोग अपनी मेहनत के बल पर जो उपलब्धि हासिल किए हैं, इससे बड़ी उपलब्धियां होगी यदि आप नैतिकता और ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्य का पालन करें. साथ ही आगे बढ़ने के लिए अपना लक्ष्य स्पष्ट करें और उसको पाने के लिए अपना प्रयास जारी रखें. चुनौतियां आने पर घबराएं नहीं और उसका डटकर सामना करें.

गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा नए भारत के निर्माण में जरूरी
उन्होंने छात्रों से कहा कि भारत विश्वव्यापी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है और हमारा देश नए भारत के निर्माण की और है. इसलिए ऐसे में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नए भारत के निर्माण में अत्यंत आवश्यक है. इसके अलावा अपने देश में उच्च शिक्षा के नए प्रतिमान को लाना होगा और इसके दायरे को बढ़ाना होगा.

दीप प्रज्वलन करतीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल.

नारी शक्ति की ओर बढ़ रहा देश
राज्यपाल ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जहां सफलता और विफलता की निगरानी समान रूप से की जाती है और इसी से हम सफलता को हासिल करते हैं. आज रज्जू भैया विश्वविद्यालय में संपन्न हुए दीक्षांत समारोह में जिस तरह से छात्राओं का प्रतिशत अधिक है, उससे यह स्पष्ट है कि अब हम नारी शक्ति की ओर बढ़ रहे हैं.

टीबी ग्रस्त बच्चों को लें गोद
उन्होंने अपने संबोधन में उपाधि प्राप्त कर चुके लोगों और महाविद्यालय के शिक्षकों से यह अपील करते हुए कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत को टीबी से मुक्त बनाने का संकल्प लिया है, जिसमें हमारा यह दायित्व है कि हम इसमें आगे आएं और टीवी ग्रस्त एक-एक बच्चे को अगर हम गोद लें, तो यह अभियान बहुत पहले पूरा हो जाएगा.

पदक प्राप्त छात्र-छात्राएं.

राज्यपाल ने कहा कि पिछले 3 महीनों के दौरान प्रदेश के 20 जिलों में अधिकारियों और कर्मचारियों ने 5500 टीवी के बच्चों को गोद लिया है. जब देश में कोई मुद्दा उठाया जाता है तो उसका परिणाम जरूर मिलता है. उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में जितनी भी छात्राएं पढ़ रही हैं, उनका स्वास्थ्य परीक्षण व हीमोग्लोबिन की जानकारी कराई जाए, इससे हम कुपोषण को जल्दी समाप्त कर सकेंगे.

इससे पहले विशिष्ट अतिथि न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय यतींद्र सिंह ने अपना दीक्षांत भाषण देते हुए मशहूर शायर के शेर से शुरुआत की और प्रोफेसर रज्जू भैया के व्यक्तित्व से लोगों को परिचित करवाया. उन्होंने छात्रों से कहा कि आप अपने व्यक्तित्व को इतना निखारें कि जब ईश्वर भाग्य लिखना शुरू करें तो वह आपसे पूछे. जीवन में ऊंचाई योग्यता से नहीं बल्कि नजरिए से मिलती है.

छात्रों को संबोधित करते न्यायमूर्ति यतींद्र सिंह.

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न्यायमूर्ति यतींद्र सिंह ने छात्रों से कहा कि आप अपने आपको हमेशा जिज्ञासु और वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाला बनाएं और अपने लक्ष्य व पेशे के प्रति जुनूनी रहे तो निश्चित रूप से आपको इससे सफलता मिलेगी. दीक्षांत समारोह में राज्य विश्वविद्यालय की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने महाविद्यालय विश्वविद्यालय के द्वारा किए जा रहे कार्यों और उसकी उपलब्धियों के बारे में बताया.

दीक्षांत समारोह में 1,21,683 छात्र-छात्राओं को उपाधि दी गई और 117 छात्रों को मेडल दिया गया. इसमें अतुल सिंह को कुलाधिपति पदक और प्रिया सिंह चंदेल को कुलपति पदक दिया गया. विश्वविद्यालय में कुलपति पदक पहली बार दिया गया है.

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