प्रयागराज : दीपावली की खुशियों के साथ अपने घरों और प्रतिष्ठानों को आकर्षक रोशनी से सजाने को हर कोई आतुर रहता है. यही वह त्योहार है जिसमें घरों के साथ व्यापारिक प्रतिष्ठनों पर तरह-तरह की झालरें सजी नजर आतीं हैं. इसके लिए अब तक लोग चीन की झालरों को खरीदना पसंद करते थे लेकिन इस बार माहौल बदला-बदला सा नजर आ रहा है. चीन की झालरों की तुलना में प्रयागराज के बाजार में स्वदेशी झालरों का दबदबा है. लोग इसे ही पसंद कर रहे हैं.
स्वदेशी झालरों के सामने फीकी पड़ी चीनी लाइटों की चमक, जानें इस बार क्या खास है इन लाइटों में.. - latest news in hindi
भारत से तल्खी और कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लोगों ने चीन की झालरों का मानों बहिष्कार कर दिया है. वे भारतीय उत्पादों को ज्यादा महत्व दे रहे हैं. इसी क्रम में बाजार में स्वदेशी झालरों ने भी चीन की झालरों की चमक फीकी कर दी है. इसकी खरीदारी जोरों पर हो रही है.
बता दें कि भारत से तल्खी और कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लोगों ने चीन की झालरों का मानों बहिष्कार कर दिया है. बाजार में उतरी स्वदेशी झालरों का पूरे मार्केट पर कब्जा है. आकर्षण डिजाइन में बने इन स्वदेशी झालरों की लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं.
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बता दें कि स्वदेशी झालर चीन की झालरों की तुलना में महंगी जरूर हैं लेकिन उनसे ज्यादा चलने वाली और आकर्षक हैं. डिजाइन में भी चीन की झालरों से काफी अंतर है. बल्ब और तार में भी फर्क देखा जा सकता है. चीन की झालर एक बार इस्तेमाल के बाद करीब-करीब बेकार हो जाती है. वहीं, स्वदेशी झालरों के साथ ऐसा नहीं है. यह काफी टिकाऊ है. संभालकर रखने पर यह तीन से चार वर्ष तक चलती है. 15 मीटर की चीन की झालर जहां 50-60 रुपये में बिक रही है, वहीं स्वदेशी का दाम 120 से 160 रुपये के बीच है.