प्रयागराज: उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जिला स्मार्ट सिटी बनाए जाने के लिए कागजों में पूरी तरह से तैयार कर ली गई है. वहीं शहर में बने कचरा रिसाइक्लिंग डंपिंग प्लांट पूरी तरह से स्मार्ट सिटी का पोल खोलती नजर आ रही है. बसवार गांव में बनाये गए 64 एकड़ के प्लान में 500 टन से अधिक कचरा डंप किया जाता है.
खुले में कचरा फैले होने से अगल-बगल के गांव में बसे लोग बीमारियों से प्रभावित हो रहे हैं. कचरा रिसाइक्लिंग डंपिंग प्लांट कागजों पर बहुत अच्छे से काम कर रहा है, लेकिन मजदूरों को सैलेरी न मिलने से काम ठप है. प्लांट में लगाए गए मशीनें भी धूल फांक रही हैं. हर दिन जनपद से कई कुंतल कचरा डंप किया जाता है, लेकिन न तो मजूदर आ रहे हैं और न ही रिसाइक्लिंग होने का काम हो रहा है.
11 महीने से बंद पड़ा है कचरा डंपिंग प्लान
हरीभरी कचरा डंपिंग प्लांट के कर्मचारी सालीग्राम ने जानकारी देते हुए बताया कि नगर निगम के तहत हरीभरी कंपनी द्वारा बसवार में लगे कचरा डंपिंग प्लान को संचालित किया जा रहा था. पिछले 11 महीने से मजदूरों को वेतन न मिलने की वजह से काम बंद कर दिया गया है. प्लांट की ओर से न तो नगर निगम कोई ध्यान दे रहा है और न ही सरकार. प्रयागराज जनपद के सभी जगहों का कचरा रोजाना कई ट्रक भरकर आते हैं, लेकिन रिसाइक्लिंग का काम न होने से खाद नहीं बनाया जा रहा है.
64 एकड़ में डंप है कचरा
प्लांट के कर्मचारियों ने बताया कि 64 एकड़ में कई सौ टन कचरा खुले में डंप किया गया है. 2009 से यह प्लांट कुछ साल तक ठीक ढंग से चला, इसके बाद से काम बंद होता रहा और चलता रहा. कर्मचारी सालीग्राम ने बताया कि प्लांट में एक तालाब भी बनाया गया था, जहां से पानी लेकर सूखा कचरा को गिला करके खाद्य बनाया जाता था, लेकिन अब उस तालाब को कचरा से ही डंप कर दिया गया है. कचरा डंप होने से पूरा प्लांट में बदबू वाली स्थान बन गई है. कचरा रिसाइक्लिंग नहीं होने से चारों तरह कचरा फैला हुआ है. पूरे प्लान में अब तक 64 एकड़ में कई सौ टन कचरा डंप किया गया है.