प्रयागराज:मध्यप्रदेश और उत्तराखंड में भारी बारिश के चलते गंगा-यमुना के जलस्तर में बढ़ोत्तरी तेजी से हो रही है. यमुना की सहायक नदियां केन और बेतवा की सहायक नदी थसान में 732400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. यह पानी सीधे यमुना नदी में आ रहा है, जिससे यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. अंदाजा लगाया जा रहा है कि लगातार पानी छोड़े जाने पर यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर जा सकती है. इसके साथ ही जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है.
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जलस्तर बढ़ोत्तरी का ग्राफ
पानी छोड़े जाने पर पर बेतवा नदी का जलस्तर 42 सेंटीमीटर प्रतिघंटा के गति से बढ़ रहा है. वहीं यमुना नदी का जलस्तर 25 सेंटीमीटर प्रतिघंटा की गति से बढ़ रहा है. केन और बेतवा नदी का पानी सीधे यमुना नदी में आ रहा है, जिसके चलते यमुना नदी में पानी मे बढ़ोत्तरी हो रही है.
सुबह 8 बजे तक जलस्तर में बढ़ोत्तरी
गंगा नदी में सुबह आठ बजे तक फाफामऊ में 78.81m जलस्तर पहुंचा. छतनाग की तरफ 77.70m जलस्तर पहुंचा. दूसरी ओर यमुना नदी का जलस्तर नैनी की तरफ 78.40m पहुंचा. फाफामऊ में गंगा 11cm पानी में बढ़ोत्तरी और छतनाग की ओर 56 सेंटीमीटर तक बढ़ोत्तरी हुई है, तो वहीं नैनी की तरफ 75 सेंटीमीटर तक बढ़ोत्तरी हुई है.
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बेतवा नदी में माटीटीला बांध से 4.30 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. वही बेतवा की सहायक नदी थसान में लुचार बांध से 84400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. पानी छोड़ने का सीधा असर प्रयागराज के गंगा-यमुना में देखने को मिल रहा है. गंगा नदी का जलस्तर बढ़ोत्तरी सीमित रहेगी, लेकिन यमुना का जलस्तर में लगातर बढ़ोत्तरी रहेगी. पानी छोड़े जाने का सीधा असर यमुना नदी में देखने को मिलेगा. अभी यमुना नदी खतरे के निशान से नीचे है.
-सिद्धार्थ कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता, बाढ़ नियंत्रण