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रेती में दफनाए गए शवों तक पहुंचा गंगा का पानी - प्रयागराज समाचार

प्रयागराज के फाफामऊ घाट पर पिछले डेढ़ महीने में दफनाये गए शवों तक गंगा का पानी पहुंच गया है. बढ़ते हुए जल स्तर की वजह से नदी की कटान रेती में दफनाये गए शव तक पहुंच गई है.

प्रयागराज.
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Published : Jun 3, 2021, 7:09 PM IST

प्रयागराजःसंगम नगरी के फाफामऊ घाट पर पिछले डेढ़ महीने में दफनाये गए शवों तक गंगा का पानी समय से पहले पहुंच गया है. बढ़ते जल स्तर की वजह से हो रहे कटान से गंगा की रेती में दफनाये गए शव जल्द नदी में बहने लगेंगे. नदी में शवों को प्रवाहित होने से पहले नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में एक बार गंगा में कई शव बहते हुए नजर आएंगे. फाफामऊ घाट पर अप्रैल से आधे मई तक गंगा किनारे बने घाट पर लोगों ने सैंकड़ों की संख्या में शव दफना दिए थे. इसके बाद प्रशासन ने फाफामऊ समेत सभी घाटों पर नदी के किनारे शवों को दफनाने पर रोक लगा दी गयी. लेकिन जब तक पाबंदी लगाई तब तक बड़ी संख्या में शव नदी किनारे रेती में दफन किये जा चुके थे.

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जल स्तर बढ़ने से शुरू हुई कटान
पिछले दिनों पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हुई बरसात के पानी का असर अब गंगा नदी में दिखने लगा है. प्रयागराज में बीते दो दिनों से गंगा का जल स्तर बढ़ रहा है, जिस वजह से संगम पर लगी दुकानें व घाटों को भी पीछे किया गया है. वहीं, गंगा के बढ़े जल स्तर की वजह से फाफामऊ घाट पर रेती में नदी किनारे दफनाये गए शव चपेट में आने लगे हैं. फाफामऊ घाट नदी के किनारे पर बने ये कब्र अब गंगा में समाने वाले हैं. अगर ऐसा हुआ तो इन में दफनाई गयी लाशें नदी बहेंगी. जिससे न सिर्फ नदियों में प्रदूषण बढ़ेगा बल्कि घाटों पर स्नान और पूजा पाठ करने वाले श्रद्धालुओं की मुसीबत भी बढ़ेगी.

घाट पर एसडीआरएफ और जल पुलिस तैनात
संगम नगरी के अलग अलग घाटों पर निगरानी करने के लिए जल पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ की टीम तैनात की गयी है. जो लगातार नदियों के किनारे शव दफनाने से रोकने के साथ ही शवों का अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था करवाएंगी. घाटों पर तैनात ये टीमें अफसरों को जानकरी देंगी, जिसके बाद शवों के नदी में बहने से पहले संबंधित विभाग को जानकारी देकर उन शवों को अंतिम संस्कार करवाएंगे. लेकिन जो शव अभी से गंगा की कटान की चपेट में आ चुके हैं, उनका जल्द ही अंतिम संस्कार नहीं करवाया गया तो नदी में बहने लगेंगे.

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इन घाटों पर दफनाये गए हैं शव
प्रयागराज में पहले भी गंगा के किनारे शव दफनाये जाते रहे हैं, लेकिन पिछले सालों तक उनकी संख्या इस साल के मुकाबले बहुत कम रहती थी. इस साल अलग अलग घाटों पर सैंकड़ो की संख्या में शव नदी किनारे दफनाये जा चुके हैं. जिनमें फाफामऊ,श्रृंगवेरपुर और देवरख घाट प्रमुख हैं. इन तीनों घाटों पर बड़ी संख्या में नदी के किनारे रेती में शव दफना दिए गए हैं. इसके अलावा नदी किनारे कई और छोटे घाटों पर भी शव दफनाये गए हैं, लेकिन उनकी संख्या कम बतायी जा रही है.

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