प्रयागराज: शहर के चार युवा प्रतिदिन निस्वार्थ भाव से चार से आठ कोरोना संक्रमित व आम मौत से होने वाले शवों को दफना रहे हैं. दरियाबाद के शफक़त अब्बास पाशा और उनके बेटे अजमत यह दोनों लोग मौत की खबर सुनते ही मौत होने वाले घरों में पहुंच जाते हैं. शवों को कब्रों मे उतार कर शवों के तदफीन तक की पूरी ज़िम्मेदारी निभाते चले आ रहे हैं.
वहीं दूसरे कब्रिस्तानी दरियाबाद, करेली, बहराना में भी शहर के युवा शाहरुक काजी व मस्जिद गदा हुसैन दरियाबाद के नायब मुतावल्ली शाहरुख हुसैनी भी उन जांबाज नौजवानों मे शुमार हैं, जो कोरोना संक्रमित शवों को पीपीई किट पहन कर कब्रिस्तान तक पहुंचाते हैं. ऐसे मे शफक़त अब्बास पाशा, अज़मत, शाहरुख काज़ी और शाहरुख हुसैनी जैसे युवाओं का हौसला है, जो इस खतरनाक वबा के बीच शवों को दफनाने मदद कर रहे हैं.