प्रयागराज: पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया को इलाहाबाद हाईकोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है. जवाहर पंडित हत्या केस में हाईकोर्ट ने 13 मई को भतीजी की शादी में शामिल होने के लिए 20 दिन की अल्पकालिक जमानत मंजूर कर रिहाई का आदेश दिया था. किन्तु मंझनपुर, कौशाम्बी में दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत अर्जी तय न होने के कारण जेल अधीक्षक ने उन्हें रिहा करने से इन्कार कर दिया. जिसे चुनौती दी गयी है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से दो हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है और अधीनस्थ अदालत को याची की जमानत अर्जी यथा शीघ्र तय करने का निर्देश दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 11जून को होगी. यह आदेश न्यायमूर्ति बच्चू लाल तथा न्यायमूर्ति वी सी दीक्षित की खंडपीठ ने कपिल मुनि करवरिया की याचिका पर दिया है.
अधिवक्ता सुरेश चंद्र द्विवेदी ने की बहस
याचिका पर अधिवक्ता सुरेश चंद्र द्विवेदी ने बहस की. उनका कहना है कि याची को हाईकोर्ट ने जवाहर पंडित हत्या केस में सजा के खिलाफ आपराधिक अपील में अल्पकालिक जमानत पर रिहाई का आदेश दिया है. भ्रष्टाचार के आरोप में लंबित एक अन्य केस के कारण जेल अधीक्षक ने याची को रिहा करने से इंकार कर दिया है, जिसे रद्द कर उसे रिहा किया जाय. गौरतलब है कि भ्रष्टाचार केस में याची हिरासत में है और उस पर बी वारंट का तामीला भी हो चुका है. अग्रिम जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कहा था कि यदि किसी मामले में कोर्ट से पेरोल के निर्देश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है, तो यह संभवतः अग्रिम जमानत देने का आधार नहीं बन सकता. इसके लिए सही जगह पर जाना चाहिए.
पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि गत 13 मई को जवाहर पंडित हत्या केस की आपराधिक अपील पर याची की अल्पकालिक जमानत मंजूर की गयी है. इस आदेश के बावजूद जेल अधीक्षक भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मामले के लंबित होने के कारण रिहा नहीं कर रहे हैं.