प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी की गैंगस्टर मामले में जमानत मंजूर कर ली है. याकूब की अन्य मामलों में पहले ही जमानत हो चुकी है. यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने दिया.
हाजी याकूब कुरैशी के खिलाफ मेरठ के खरखौंदा थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले के तथ्यों के अनुसार, याची का 14 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है. इसमें एक मामला हत्या के आरोप का भी है. इस मामले में हाजी याकूब के अलावा संजीदा बेगम, याकूब का पत्नी इमरान कुरैशी आदि भी आरोपी हैं. हाजी याकूब की जमानत के समर्थन में कहा गया कि गैंगचार्ट में याची के खिलाफ जो मुकदमे दिखाए गए हैं, उनमें से कई में समझौता हो गया है और कई में वह बरी भी हो गया है. बिना लाइसेंस मीट की कंपनी चलाने के मामले में याची को झूठा फंसाया गया है. याची मीट कंपनी का डायरेक्टर नहीं है, बल्कि जो व्यक्ति मीट कंपनी का डायरेक्टर है, उसकी जमानत मंजूर हो गई है.
सरकारी वकील ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि याची पर बिना लाइसेंस मीट की कंपनी चलाने का आरोप सही है. याची के प्रभावशाली व दबंग होने से भयवश कोई भी उसके खिलाफ गवाही देने को तैयार नहीं है. गैंगचार्ट में शामिल अन्य आपराधिक मामलों में भी याची ने दबाव बनाकर समझौता कराया है. दबाव में ही गवाहों ने निचली अदालत में उसके खिलाफ सही गवाही नहीं दी, जिससे याची विभिन्न मामलों में बरी कर दिया गया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने हाजी याकूब कुरैशी की गैंगस्टर एक्ट के मामले में जमानत प्रार्थना अर्जी मंजूर कर ली. हाजी याकूब कुरैशी के वकील राम चरण सिंह ने बताया कि वह एक हफ्ते के अंदर जेल से बाहर आ सकते हैं.
बता दें कि उनकी पत्नी और दोनों बेटों को जून में ही जमानत मिल गई थी. याकूब की करीब 30 करोड़ से अधिक कीमत की संपत्ति भी मेरठ पुलिस कुर्क कर चुकी है. गौरतलब है कि पूर्व मंत्री की मेरठ जिले के खरखोदा थाना क्षेत्र में बंद पड़ी मीट फैक्ट्री में अवैध रूप से बूचड़खाना संचालित होने की सूचना के बाद 31 मार्च 2022 को पूर्व मंत्री हाजी याकूब की फैक्ट्री पर छापामार कार्रवाई की गई थी. इसमें बड़े पैमाने पर वहां से मांस पकड़ा गया था. इसके बाद ही पूर्व मंत्री और उनके परिवार के लोगों सहित 15 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया था.