उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

जेल में बंद हार्ट मरीज को एम्स में भर्ती करने के आदेश पर नहीं हुआ अमल, कोर्ट ने सरकार से मांगी जानकारी - latest news of Allahabad High Court

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाथरस में युवती से गैंगरेप (girl gang rape) के बाद दंगा फैलाने के आरोपी अतीक उर रहमान को एम्स नई दिल्ली में भर्ती करने के निर्देशों के अनुपालन न किए जाने पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

By

Published : Nov 24, 2021, 9:52 PM IST

प्रयागराज :इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने हाथरस में युवती से गैंगरेप (girl gang rape) के बाद दंगा फैलाने के आरोपी अतीक उर रहमान को एम्स नई दिल्ली में भर्ती कराने के निर्देशों के अनुपालन न किए जाने पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी है. याचिका की सुनवाई 25 नवंबर को होगी.

यह आदेश न्यायमूर्ति एम.सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने अतीकउर रहमान व अन्य की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने पूछा कि याची के आपरेशन के लिए एम्स में विशेष अदालत के दो आदेशों पर अमल क्यों नहीं किया गया?

पता चला है कि इस आदेश के बाद याची को मथुरा जेल से बुधवार सुबह एम्स भेजा गया. अतीक पिछले साल अक्टूबर महीने से जेल में बंद है. अतीक पर पीएफआई संगठन के लिए काम करते हुए दंगा भड़काने की साजिश रचने का आरोप है. अतीक व अन्य के खिलाफ यूएपीए कानून के तहत कार्रवाई की गई है.

अतीक को दिल की बीमारी है और उसके हार्ट की सर्जरी होनी है. एम्स के डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार से उचित फैसला लेने को कहा था. बृहस्पतिवार को सुनवाई में सरकार को इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी अदालत को देनी है.

अधिवक्ता को फोन पर धमकाने पर आईजी को कोर्ट की फटकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आईजी पूर्वी जोन पीएसी मुख्यालय प्रयागराज को भविष्य में सावधानी बरतने की नसीहत दी है. कहा कि किसी अधिवक्ता को याचिका दायर करने पर फोन पर धमकाने की गलती की पुनरावृति न हो. इससे पहले आईजी ने हलफनामा दाखिल कर अपनी गलती मानी और गलती को भविष्य में न दोहराने का वायदा किया.

इसे भी पढ़ेःइलाहाबाद HC का कड़ा रुख, DGP मैनपुरी एसपी के खिलाफ कार्रवाई कर सौंपें रिपोर्ट तब छोड़ें प्रयागराज

पीएसी आरक्षी नया आदेश जारी होने तक अपने पदों पर रहें तैनात

आईजी ने यह भी कहा कि लगभग 500 से अधिक आरक्षियों के 15 नवंबर को जारी तबादला सूची के अमल पर रोक लगा दी गई है. इसकी जांच बैठाई गई है. इसके बाद कोर्ट ने सभी पीएसी आरक्षियों को नया आदेश जारी होने तक पद पर तैनात रहने और उन्हें वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने प्रहलाद सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है.

याचिका में तबादला आदेश को चुनौती दी गई थी. याची अधिवक्ता राठौर ने कोर्ट को बताया कि 22 अक्टूबर को आईजी का सीयूजी फोन नंबर से उन्हें फोन आया. इसमें उन्होंने कहा कि तबादला आदेश को क्यों और कैसे आपने याचिका में चुनौती दी है.

कोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और आईजी से तथ्य की जांच कर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. तब तक याचियों को कार्यमुक्त करने पर रोक लगा दी. इसके बाद आईजी ने हलफनामा दाखिल कर गलती भविष्य में न दोहराने का आश्वासन दिया. कोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details