प्रयागराज: कोरोना काल में फूलों की खेती तो अच्छी हुई, लेकिन फूल के थोक विक्रेताओं की बिक्री नहीं हो रही है. शारदीय नवरात्र का बुधवार को 5वां दिन है, लेकिन अभी भी फूलों का बाजार सूना पड़ा हुआ है. कोरोना के चलते मंदिरों में लोगों का सीमित दायरा तय कर दिया गया है. इस वजह से फुटकर व्यापारी भी अपने फूलों का व्यापार ठीक से नहीं कर पा रहे हैं. इस वजह से इन थोक मंडियों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है.
कोरोना से मुरझाए फूल, थोक बाजार में पसरा सन्नाटा
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में फूलों का बाजार सूना पड़ा हुआ है. कोरोना के कारण मंदिर में सीमित लोग आ रहे हैं. इस वजह से फूलों की बहुत कम बिक्री हो रही है. व्यापारियों ने बताया कि कई घंटे दुकान पर बैठने के बाद भी इक्का-दुक्का ग्राहक ही आते हैं, जिससे व्यापारी बहुत परेशान हैं.
बात जब नवरात्र की हो तो हर तरह के पुष्पों की कीमतें और भी बढ़ जाती हैं. इस बार नवरात्रि पर फूलों के थोक विक्रेता काफी मायूस हैं क्योंकि इन्होंने कर्ज लेकर फूलों की अच्छी खेती की, लेकिन बाजार में इनका माल मात्र 20 प्रतिशत ही बिक पा रहा है. हालात यह हैं कि जब फुटकर व्यापारी ही अपना माल नहीं बेच पा रहे हैं तो इन मंडियों में रौनक कहां से हो. इन व्यापारियों का कहना है कि दोनों नवरात्रों में एक महीना पहले से ही फुटकर व्यापारियों की बुकिंग हो जाती थी. इस थोक बाजार में तिल रखने तक की जगह नहीं होती थी. व्यापारियों ने बताया कि सूर्य निकलते ही वह लोग अपने सभी पुष्पों को बेचकर निकल जाते थे, लेकिन आज कई घंटे बैठने पर भी इक्का-दुक्का ग्राहक आते हैं. व्यापारियों ने बताया कि घर का सामान गिरवी रखकर कर्ज लेकर व्यापार बढ़ाने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इससे फूलों के थोक विक्रेता काफी परेशान हैं.