प्रयागराज: जिले में आई बाढ़ के चलते संगम में चहल पहल बढ़ाने वाले तीर्थ पुरोहित और नाविकों को बड़ा नुकसान का सामना करना पड़ा है. तीर्थ पुरोहित का कहना है कि अचानक आई बाढ़ उनके कीमती समान हो यानी चौकी और छप्पर बहा ले गई है, जिससे उन्हें काफी नुकसान हुआ है. वहीं नाविकों कहना है कि बाढ़ के चलते कोई भी नाव पर यात्रा नहीं कर रहा है बल्कि यह नाविक खुद ही फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं.
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बाढ़ आने से तीर्थ पुरोहित और नाविक परेशान
बाढ़ आने से संगम के किनारे मंदिरों में पानी भर गया है. तीर्थ पुरोहित मंदिरों के बाहर छप्पर लगाकर आने वाले श्रद्धालु को पूजा पाठ कराते थे. वह अपने छप्पर को बचा नहीं पाए हैं. इतना ही नहीं श्रद्धालुओं की बैठने की चौकियां भी बाढ़ में बह गई है.
वहीं नाव चालक का कहना है कि इतनी बाढ़ में कोई भी श्रद्धालु नाव मैं बैठने का रिस्क नहीं लेना चाहता. नाव चालक बाढ़ में फंसे लोगों की मदद के लिए आगे हाथ बढ़ा रहे हैं और फंसे हुए लोगों को बाहर निकाल रहे हैं. ऐसे में यह तीर्थ पुरोहित और नाव चालक बाढ़ के चलते भुखमरी के कगार पर आ गए हैं. अब इनको इंतजार है तो बस गंगा-यमुना का जलस्तर कम हो और यह फिर से रोजी रोजगार में जुट जाएं