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माघ मेला: कल्पवासी शिविर में लगी आग, कई टेंट जले - magh mela fire

प्रयागराज में चल रहे माघ मेले में कल्पवासी शिविर में आज आग लग गई. इस दौरान लगभग छह टेंट जल गए. फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया.

माघ मेले के कल्पवासी शिविर में लगी आग.
माघ मेले के कल्पवासी शिविर में लगी आग.

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Published : Feb 13, 2021, 5:18 PM IST

प्रयागराज: संगम नगरी में चल रहे माघ मेले में कल्पवासी शिविर में शनिवार दोपहर आग लग गई. झूसी सेक्टर-4 मोरी मार्ग में तंबुओं में आग लग गई. फायर ब्रिगेड की टीम ने पहुंचकर किसी तरह आग पर काबू पाया. राहत की बात यह है कि किसी भी श्रद्धालु को कोई नुकसान नहीं हुआ. शिविर में रहने वाले सभी लोग सुरक्षित हैं.

कल्पवासी शिविर में लगी आग

माघ मेला क्षेत्र के मोरी मार्ग गाटा संख्या 11 रेलवे ब्रिज के नीचे सेक्टर नंबर-4 में मनीष कुमार त्रिपाठी के कल्पवासी शिविर में आज आग लग गई. आग की सूचना पर मेला क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई. लोगों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी. तब तक कई टेंट जलकर खाक हो गए. बताया जा रहा है लगभग 6 टेंट जल गए हैं और कल्पवासियों का टेंट में रखा सामान भी जल गया. फिलहाल, किसी के हताहत की सूचना नहीं मिली है. आग की सूचना पर मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने किसी तरह आग पर काबू पाया. आग लगने का कारण स्पष्ट नहीं है. मेला क्षेत्र में पूरी तरह स्तिथि सामान्य है.

माघ मेले में तेजी से क्यों फैलती है आग

माघ मेले में श्रद्धालुओं के रहने के लिए जो शिविर लगाए जाते हैं वे सारे तंबू और कपड़ों से बने होते हैं. शिविरों के अंदर एक से दूसरे तंबू के बीच ज्यादा दूरी नहीं होती है.आसपास सटाकर तंबू लगाए जाने की वजह से आग लगते ही दूसरे तंबू भी उसकी चपेट में आने लगते हैं. मेला क्षेत्र खुला होने और हवा की वजह से भी आग की लपटें तंबुओं को अपनी चपेट में ले लेती हैं. इससे एक के बाद एक तंबू लाइन से जलने लगते हैं. समय रहते मेले में लगी आग पर काबू न किया जाए तो बड़ा हादसा हो सकता है.

माघ मेले में अलग से बनाया जाता है फायर स्टेशन

माघ मेला में आग लगने की घटनाओं को जल्दी काबू करने के लिए ही मेला क्षेत्र में फायर अधिकारी की तैनाती के साथ ही कई फायर स्टेशन बनाए जाते हैं. यही वजह है कि माघ मेले के लिए शहर में तैनात फायर अधिकारी के अलावा अलग से फायर ऑफिसर की तैनाती की जाती है. इसके साथ ही पूरे मेला एरिया में कई जगह पर अस्थायी फायर स्टेशन बनाए जाते हैं, जिससे कि आग लगने की सूचना मिलते ही पांच से दस मिनट के अंदर फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंचकर आग को काबू करना शुरू कर दे.

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