प्रयागराज:जिले में सामूहिक हर्ष फायरिंग में वायरल वीडियो के मामले में पुलिस ने सात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है. यह सभी नवाबगंज क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं. सभी आरोपी कुख्यात गैंगस्टर व राजनेता अतीक अहमद के समर्थक के परिजन हैं. वीडियो के आधार पर चिह्नित कर पुलिस ने उनकी तलाश शुरू कर दी है.
दरअसल, दो दिन पहले एक शादी समारोह में कई लोगों ने मिलकर हर्ष फायरिंग की थी. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जिले में हड़कंप मच गया था. इसमें आधा दर्जन से ज्यादा युवक राइफल व अन्य बंदूकों से एक साथ फायरिंग करते नजर आ रहे थे. मामले की जानकारी पर पुलिस अफसरों ने जांच शुरू कराई और शुक्रवार देर रात इस मामले में सात लोगों को नामजद करते हुए केस दर्ज किया गया. इनमें नवाबगंज निवासी वैश, फैज, असहद, अजहद, फरहान, अदनान के अलावा एक अन्य शामिल हैं. पुलिस ने बताया कि यह सभी असलम के परिवार के है, जो अतीक के करीबी मुजफ्फर का भाई है. एसपी गंगापार धवल जायसवाल ने बताया कि सभी आरोपियों की तलाश की जा रही है. आरोपियों की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं.
बता दें कि जिले के नवाबगंज थाना क्षेत्र के कौड़िहार इलाके में रहने वाले असलम के घर में लगभग दो साल पहले एक शादी समारोह था. उसी समारोह के दौरान कई लोग एक साथ बैठे हुए. तभी उन लोगों ने कई बंदूक और राइफलों से बैठे-बैठे ही हर्ष फायरिंग की थी.उस वक्त किए गए हर्ष फायरिंग का वीडियो 17 जून को सोशल मीडिया में किसी ने वायरल कर दिया. वायरल वीडियो में पाकिस्तानी गाना बज रहा है और कई लोग हवाई फायरिंग करते हुए दिख रहे हैं.
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वायरल वीडियो में जिस तरह से 18-20 साल के युवक प्रोफेशनल शूटरों की तरह फायरिंग करते नजर आ रहे हैं, उसे लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. बड़ा सवाल यह है कि इनमें से किसी के नाम लाइसेंसी असलहा नहीं है. आखिर में इन्हें शस्त्र चलाने की ऐसी ट्रेनिंग कहां से मिली. गौरतलब है कि वीडियो में सभी कुर्सी पर बैठकर ताबड़तोड़ गोलियां दागते नजर आ रहे हैं.
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बता दें कि अतीक अहमद यूपी की राजनीति और अपराधजगत में बड़ा नाम है. वह फिलहाल गुजरात की साबरमती जेल में बंद है. अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को श्रावस्ती में हुआ था. महज 17 साल की उम्र में अतीक अहमद पर कत्ल का आरोप लगा. उसके बाद अपराध जगत में अतीक के कदम बढ़ते गए. प्रदेश में करीब 44 गंभीर मामलों में अतीक पर मुकदमे दर्ज हैं. इसमें हत्या, अपहरण, वसूली के अनेक मामले हैं. 1989 में अतीक अहमद इलाहाबाद की पश्चिम विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने. इसके बाद 1991 और 1993 में भी निर्दलीय विधायक चुने गए. 1996 में सपा से विधायक रहे. 2002 में अपना दल से विधायक बने. 2003 में फिर सपा में आ गए. 2004 में सपा के टिकट पर फूलपुर से सांसद बने. 2007 में मायावती की सरकार बनने पर अतीक पर कई मुकदमे दर्ज हुए तो वह भूमिगत हो गए. 2013 में फिर सपा का दामन थामा. 2014 में जेल से ही चुनाव का पर्चा भरा पर चुनाव में हार मिली. यूपी में योगी सरकार आने के बाद अतीक की लगभग 60 करोड़ की 7 संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं. 13 अन्य प्रॉपर्टी के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी चल रही है. 2019 में अतीक अहमद को यूपी की कोई जेल रखने को तैयार नहीं हुई तो 2019 में उन्हें गुजरात की साबरमती जेल भेज दिया गया.