प्रयागराज: गुरुवार को पूरा देश फिरोज गांधी की 106वीं जयंती मना रहा है. 12 सितंबर 1912 को फारसी परिवार में जन्मे फिरोज गांधी ने आजादी की लड़ाई में अपना विशेष योगदान दिया था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और फिरोज गांधी की पहली मुलाकात प्रयागराज घण्टाघर के पास हुई थी.
जयंती पर भी सूनी रही फिरोज गांधी की कब्र. इसे भी पढ़ें :- प्रयागराज: 'द नेचर जंगल' सीरीज पर आधारित प्रदर्शनी का आयोजन, कुंभ से बनारस तक का दिखेगा संगम
प्रयागराज दौरे पर कई बार आए राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी
राहुल, प्रियंका और सोनिया गांधी का कई बार प्रयागराज दौरा रहा, लेकिन न तो सोनिया गांधी ने अपने ससुर को याद किया और न ही राहुल गांधी को अपने दादा जी याद रहे. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता इरशाद उल्ला ने बताया कि आज हमने फिरोज गंधी की जयंती पर उनकी कब्र पर माल्यार्पण कर उनकी कुर्बानियों को याद किया. उन्होंने कहा कि दुःख की बात तो यह है कि गांधी परिवार फिरोज गांधी को भूलता नजर आ रहा है. लोकसभा चुनाव के मौके पर कई बार प्रियंका, राहुल और सोनिया गांधी का प्रयागराज में आगमन रहा, लेकिन फिरोज की कब्र तक पहुंचने की कोशिश किसी ने नहीं की.
कई आंदोलन में रहे एक साथ
इरशाद उल्ला ने बताया कि घण्टाघर में फिरोज गांधी जब अकेले अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे तभी इंदिरा गांधी ने साथ मिलकर अंग्रेजी प्रशासन के खिलाफ आंदोलन जारी रखा. सक्रिय राजनीति करने के साथ ही देश के लिए की गई कुर्बानी के लिए फिरोज गांधी को दुनिया याद कर रही है.
बदहाली में है फ़ारसी कब्रिस्तान
मम्फोर्डगंज स्थित फ़ारसी कब्रिस्तान में फिरोज गांधी की कब्र है जो पूरी तरह से बदहाल हो गई है. कब्रिस्तान की देख-रेख के लिए न तो गांधी परिवार को कोई फिक्र है और न ही प्रशासन ध्यान दे रहा है. जिला प्रशासन को इस बात पर ध्यान देना होगा कि इतने बड़े स्वंत्रतता सेनानी और पूर्व लोकसभा सदस्य की कब्र बदहाल है.