उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

ब्लू ग्रीन एल्गी से हारेगा कुपोषण, फातिमा की महीनों की मेहनत लाई रंग - fatima of prayagraj made a biscuit

आज हजारों की संख्या में बच्चे कुपोषण से जंग लड़ रहे हैं. इसी क्रम में कुपोषित अभिशाप को कुछ हद तक कम करने के लिए एक कदम प्रयागराज की अम्मातुल फातिमा ने भी बढ़ाया है. जिनकी लगन, परिश्रम, और मेहनत के बल पर ब्लू ग्रीन एल्गी पर शोध कर एक ऐसा प्रोटीन बिस्किट बनाया है. जो उन कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित होगा.

prayagraj
प्रोटीन बिस्किट से हारेगा कुपोषण

By

Published : Dec 23, 2020, 9:45 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 7:20 AM IST

प्रयागराजःकुपोषण एक ऐसा कलंक है, जिसको मिटाने के लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है. वर्तमान में हजारों की संख्या में बच्चे कुपोषण की जंग लड़ रहे हैं. इसी क्रम में कुपोषित अभिशाप को कुछ हद तक कम करने के लिए एक कदम प्रयागराज की अम्मातुल फातिमा ने भी बढ़ाया है. जिनकी लगन, परिश्रम, और मेहनत के बल पर ब्लू ग्रीन एल्गी पर शोध कर एक ऐसा प्रोटीन बिस्किट बनाया है. जो उन कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित होगा.

कुपोषण के खिलाफ फातिमा की लड़ाई

कुपोषण के खिलाफ जंग

बच्चे देश के भविष्य होते हैं. जो आगे चलकर देश के नागरिक बन उस देश के आने वाले कल की तस्वीर पेश करते हैं. लेकिन विडम्बना यह है, कि हमारे देश में हजारों, लाखों, बच्चे हर साल कुपोषण की वजह से दम तोड़ देते हैं. प्रयागराज की अम्मातुल फातिमा ने कुपोषण की इस बीमारी के खिलाफ जंग छेड़ते हुए एक नई कामयाबी हासिल की है. फातिमा ने ब्लू ग्रीन एल्गी की मदद से एक ऐसा सुपर फूड बिस्किट तैयार किया है, जो कुपोषण की समस्या से निपटने में रामबाण साबित हो सकता है. कुपोषण से जूझ रहे बच्चों, गर्भवती गरीब महिलाएं और बुजुर्गों के लिए फातिमा का एल्गी बिस्किट एक वरदान साबित हो सकता है.

कुपोषण के खिलाफ कुछ कर गुजरने की इच्छा
हमारे मुल्क में हर साल हजारों बच्चे कुपोषण की वजह से दम तोड़ देते हैं. ये आकंड़े इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की होम साइंस की पूर्व रिसर्च स्कॉलर फातिमा को लगातार बेचैन कर रहे थे. फातिमा ने कुपोषण से लड़ने का एक ऐसा रास्ता खोज निकाला, जो एक तरफ हर आम आदमी की पहुंच में है. साथ ही सरकार अगर चाहे तो इसकी मदद से करोड़ों कुपोषित बच्चों और महिलाओं को मरने से बचा भी सकती है.

लगातार कोशिश ने दिलाई सफलता
लगातार अपनी कोशिशों में लगी रहने के बाद फातिमा को उनकी मेहनत और लगन का इनाम भी मिल गया. फातिमा ने अदरक, अंडे और ब्लू ग्रीन स्पाईरुलीना यानि हरे रंग की काई को मिलाकर ऐसा बिस्किट तैयार किया, जिसमें कुपोषण से लड़ने की लाजवाब क्षमता थी. लगातार 6 महीने तक इनके प्रयोग के बाद जो नतीजे आए, वह चौंकाने वाले थे. आखिर फातिमा को सफलता मिल ही गई.


प्रोटीन से भरपूर है बिस्किट
फातिमा के इस पावर फूड में प्रोटीन, आयरन, जिंक, फास्फोरस और कैल्शियम जैसे तत्वों की अत्यधिक मौजूदगी से यह कुपोषण के खिलाफ लड़ने में कारगर उपाय बन सकता है. इसे आंगनबाड़ी केन्द्रों और बाल विकास केन्द्रों पर भी गेहूं के दलिए के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है.

गंभीर बीमारियों में भी कारगर
फातिमा के मुताबिक यह बिस्किट उन गंभीर बीमारियों के लिए भी कारगर है. जिसमें हाई प्रोटीन की जरूरत पड़ती है. कैंसर, शुगर,एनीमिया, कुपोषण के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं है. वहीं इलाहाबाद विश्वविद्यालय होम साइंस डिपार्टमेंट हेड डॉ नीतू मिश्रा का कहना है कि
भारत में कुपोषण एक ऐसी समस्या है, जिस पर बहुत समय से काम हो रहा है. इसी सिलसिले में हमारे डिपार्टमेंट ने भी कोशिश की और ब्लू ग्रीन एल्गी की मदद से एक ऐसा सुपर फूड बिस्किट बनाया. जो कुपोषण के खिलाफ लड़ने में मददगार साबित होगा.

Last Updated : Dec 30, 2020, 7:20 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details