प्रयागराज: शहर पश्चिमी इलाके के सैकड़ों किसानों ने गुरुवार को प्रयागराज विकास प्राधिकरण के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. पीडीए कार्यालय के बाहर भाकियू का बैनर लिए बड़ी संख्या में किसानों ने नारेबाजी करते हुए विरोध जताया. किसानों ने पीडीए के अफसरों पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. किसानों का कहना है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण के कर्मचारी ग्रामीण इलाकों में किसानों के निर्माण को रुकवाने पहुंच जाते हैं और नक्शे के नाम पर अवैध वसूली करते हैं. जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक वह दिन-रात पीडीए के बाहर डेरा डालकर धरना प्रदर्शन करेंगे.
शहर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्र के साथ ही आसपास के इलाके से आए किसान दोपहर में सिविल लाइंस के धरना स्थल चौकी पर पहुंचे. जहां से किसानों की भीड़ जुलूस निकालते हुए पीडीए कार्यालय तक पहुंची. इसके बाद पीडीए के प्रवेश द्वार से लेकर अंदर तक सड़क पर ही किसान डेरा डालकर बैठ गए. इस दौरान किसानों ने वहां पर अपने खाने पीने की व्यवस्था भी की हुई थी. नाश्ता पानी करते हुए किसान सरकार से लेकर पीडीए और प्रशासन तक के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे थे.
विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं का आरोप है कि पीडीए के अधिकारी और कर्मचारी ग्रामीण इलाकों में जाकर किसानों के मकान निर्माण को रोकने के लिए तमाम तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं. इसके साथ ही पीडीए के अफसर नक्शा पास न होने के नाम पर किसानों को प्रताड़ित करते हैं. जबकि पीडीए के कर्मचारी इसी आड़ में किसानों से अवैध वसूली करते हैं. लगातार पीडीए के लोग किसानों से घूस मांगते है, जो किसान घूस दे देता है उसका मकान निर्माण होने देते हैं और अन्य का रुकवा देते हैं.
भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेश अध्यक्ष अनुज सिंह के कहा कि हमारी मांग है कि विकास प्राधिकरण के कर्मी अपनी मनमानी और किसानों का उत्पीड़न बंद करें. क्योंकि कुछ न कुछ नियम बताकर किसानों को परेशान किया जाता है. इसीलिए ग्रामीण इलाके में किसानों को निर्माण करने पर पीडीए की तरफ से कोई परेशान करने नहीं जाए. युवा प्रदेश अध्यक्ष का आरोप है कि विकास प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं. किसानों के मकान के चालान के नाम पर उनसे अवैध वसूली की जाती है. इसके अलावा खेती की जमीन बेचने और उस पर निर्माण करने पर भी पीडीए के लोग परेशान करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि प्रयागराज में सीएम योगी की भ्रष्टाचार पर जीरों टॉलरेंस नीति का कोई महत्व नहीं हैं. सीएम ने यूपी में क्राइम पर तो जीरों टॉलरेंस कर लिया. लेकिन प्रयागराज में भ्रष्टाचार 500 प्रतिशत बढ़ गया है.