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प्रयागराज में किसानों ने शुरू की ब्लैक राइस की खेती

यूपी के प्रयागराज जिले के पाठा में किसानों ने ब्लैक राइस यानि काले चावल की खेती शुरू की है. इससे किसानों को सफेद चावल की अपेक्षा अधिक आमदनी हो रही है.

प्रयागराज में किसानों ने शुरू की ब्लैक राइस की खेती
प्रयागराज में किसानों ने शुरू की ब्लैक राइस की खेती

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Published : Dec 14, 2020, 2:16 PM IST

प्रयागराज:धान का कटोरा कहे जाने वाले पाठा क्षेत्र के किसानों ने इस बार ब्लैक राइस की खेती की. वैसे तो चावल की तमाम किस्में इस पूरे क्षेत्र मे उगाई जाती हैं, जिसमें अधिकांश किसान सफेद रंग के चावल की ही पैदावार करते रहे हैं. लेकिन पाठा के किसानों ने धान का कटोरा कहे जाने वाले इस पूरे क्षेत्र में चावल की खेती लीक से हटकर की है, जिसमें कई किसानों के द्वारा अपने खेतों में काले चावल (ब्लैक राइस) की खेती की गई. ब्लैक राइस की खेती करने वाले किसानों को सफेद चावल की अपेक्षा बेचने पर ज्यादा कीमत मिलती है. वहीं इस चावल की मांग देश में ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आ रही है.

पाठा क्षेत्र के किसानों ने शुरु की ब्लैक राइस की खेती

पाठा क्षेत्र में अब तक किसान धान की परम्परागत खेती करते चले आ रहे थे. दो साल पहले कुछ किसानों के द्वारा ब्लैक राइस की खेती की गई, जिसको देखते हुए क्षेत्र के अन्य किसानों ने भी ब्लैक राइस की खेती परम्परागत धान की खेती से हटकर की. पहले ही साल में किसानों के द्वारा तैयार किए गए काले चावल हाथों-हाथ सफेद चावल से दोगुनी कीमत मे बिक गए. ऐसे में किसानों का काले चावल की खेती में रुझान बढ़ता गया.

इन गांवो के किसान कर रहे हैं ब्लैक राइस की खेती

ब्लैक राइस की खेती कौंधियारा ,नौगांवा ,एकौनी, कुल्हरिया ,असरवई ,सीधटिकट ,ओसा ,सोनबरसा ,आदि ग्राम सभाओं में कई किसानों के द्वारा वृहद पैमाने पर किया जा रहा है.

क्या कहते है काले धान की खेती करने वाले किसान

वहीं नौगवां गांव के रहने वाले किसान रमाकांत बिंद ने बताया कि ब्लैक राइस की खेती करने से उन्हें यह फायदा होता है. क्योंकि इस धान के चावल को बेचने के लिए उन्हें परेशान नहीं होना पड़ता है. कई व्यापारी तो स्वयं ही किसानों से संपर्क करके ब्लैक राइस खरीद ले जाते हैं, जो कि सफेद चावल की तुलना में ब्लैक राइस दो से तीन गुने दाम में बिक जाता है, जिससे उन सभी को ब्लैक राइस की खेती करने में काफी फायदा समझ में आ रहा है.

काला चावल खाने का फायदा

सफेद चावल की तुलना में काला चावल काफी फायदेमंद है. स्थानीय बाजार में यह चावल भले ही 150 से 200 रुपये प्रति किलो ग्राम बिक रहा हो, लेकिन ऑनलाइन इसका मूल्य करीब चार सौ रुपये प्रति किलो है.

गुणकारी काले चावल की डिमांड महानगरों में अच्छी खासी है. कार्बोहाइड्रेट से मुक्त काले चावल को शुगर मरीजों और हृदय रोगों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. ब्लैक राइस के सेवन से कोलेस्ट्राल के स्तर को भी नियंत्रित किया जा सकता है. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होने की वजह से अपच की समस्या को भी दूर करता है. इसके साथ ही एंटी ऑक्सीडेंट तत्व की वजह से आंख के लिए भी फायदेमंद है.

जानिए काले चावल के क्या-क्या हैं फायदे

  • ब्लैक राइस एकमात्र ऐसा चावल है, जिससे बिस्किट भी तैयार किए जाते हैं.
  • हृदय को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए इनका इस्तेमाल फायदेमंद है.
  • इसमें मौजूद फायटोकेमिकल कोलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करते हैं और बुरे कोलेस्ट्राल को घटाते हैं.
  • हृदय की धमनियों में अर्थोस्क्लेरोसिस प्लेक फर्मेशन की संभावना कम करता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक की संभावना भी कम होती है.
  • मोटापा कम करने के लिए काले चावल खाना बेहद फायदेमंद है.
  • भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होने से कब्ज जैसी समस्याओं को समाप्त करता है.
  • पेट फूलना या पाचन से जुड़ी अन्य समस्याओं में लाभ देता है.

    काले चावल में मौजूद एंथोसायनिन नामक एंटीऑक्सीडेंट की वजह से कार्डियोवेस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों भी बचा जा सकता है. काले चावल में मौजूद विशेष एंटीऑक्सीडेंट तत्वों के कारण यह त्वचा व आंखों के साथ ही दिमाग के लिए फायदेमंद है.

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