प्रयागराज: संगम नगरी पुलिस ने फर्जी मैट्रिमोनियल साइट (Fake matrimonial site) के जरिए लोगों को ठगने वाले गिरोह का खुलासा किया. पकड़े गए गिरोह में तीन युवकों के साथ पांच दुल्हनें भी हैं, जो लोगों को अपनी बातों में फंसाकर उन्हें हजारों रुपये की चपत लगाती थीं. साथ ही उनके कब्जे से फर्जी दस्तावेज, दो कम्प्यूटर, कई मोहर, 30 रजिस्टर, कई एटीएम बैंक पासबुक, फर्जी आधार कार्ड की कॉपी और अन्य शादी वाली साइट से लिए गए डाक्यूमेंट्स भी बरामद किए हैं.
आईजी डॉ. राकेश सिंह (IG Dr Rakesh Singh) का कहना है कि इस गिरोह ने फर्जी मैट्रिमोनियल साइट अलग-अलग नामों से बनाई थी, जिस पर इन लोगों ने दूसरे साइट से चोरी कर लड़के लड़कियों के प्रोफाइल लगाए हुए थे. इसके अलावा संगम और अन्य साइट से वर वधु तलाश रहे 800 लोगों का डेटा 2 हजार रुपये में खरीदते थे. इसी डेटा में से मोबाइल नंबर के जरिये भोले भाले लोगों को अपना शिकार बनाते थे. डेटा के आधार पर उसी से जुड़े जाति धर्म और कैसा वर वधु उन्हें चाहिए. उसी आधार पर फर्जी नाम से प्रोफाइल बनाकर लोगों से अपने साइट में जॉइनिंग की फीस वसूलते थे. शादी की बात करवाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस की रकम वसूलने के बाद अपने स्टॉफ की महिलाओं को दुल्हन बनाकर फोन पर बात करवाते थे. गैंग में शामिल जालसाज युवतियों के जरिए लोगों को जाल में फंसाते थे. कुछ दिन बात करने के बाद ये युवतियां बहाना बनाकर शादी से इनकार कर देती थीं. कोई व्यक्ति ज्यादा बात करता या ज्यादा परेशान करता तो उसे डराने धमकाने के साथ गाली देकर उसका नंबर भी ब्लॉक कर देते थे.
जानकारी देते हुए आईजी डॉ. राकेश सिंह पुलिस के अनुसार, यह गिरोह फर्जी मैट्रिमोनियल साइट और कॉल सेंटर (fake matrimonial site call center) एक जिले में दो से तीन महीने तक ही चलाते थे. इस गिरोह ने पवित्र रिश्ता, मेरी पार्टनर और रॉयल नाम से साइट बनाई हुई थी. इसी नाम से ऑफिस खोलकर लोगों को ठगने के बाद ऑफिस छोड़कर ठिकाना बदल लेते थे. आईजी ने बताया कि ये लोग एक दिन में दस से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाते थे. इनके शिकार मुख्यतः शादी के लिए परेशान लड़के या ज्यादा उम्र के युवक ही बनते थे. उनकी जरूरत के अनुसार फर्जी आईडी बनाकर शादी के लिए उनके पास मैसेज भेजते थे.
लड़की पसंद होने पर उसका नंबर देने के पहले अपनी साइट पर पैसे जमा करवाते थे. इस दौरान एक व्यक्ति से रजिस्ट्रेशन और परिवार से बात करवाने के नाम पर शातिर 5 से 7 हजार रुपये तक जमा करवा लेते थे. पैसे लेने के बाद अपने गैंग की लड़कियों का नंबर उस ग्राहक को देते थे जिसके बाद दो चार दिन बात करके ये ठग गिरोह की युवतियां कुछ बहाना बनाकर शादी से इनकार कर देती थीं. इस दौरान किसी ग्राहक को शक होता तो उसके मांगने पर अपने गिरोह में शामिल युवतियों की फोटो लगाकर फर्जी आधार और पहचान पत्र उनके मोबाइल पर भेज देते थे. फर्जी आधार और पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज बनाने के लिए कंप्यूटर, प्रिंटर और एडिटिंग का काम भी खुद ही करते थे. आईजी का कहना है कि अब इस गिरोह में शामिल अन्य लोगों की तलाश की जाएगी. गिरोह के पकड़े गए तीनों शख्स छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं.
आईजी डॉ राकेश सिंह ने अपील करते हुए कहा कि जो भी लोग शादी का रिश्ता जोड़ने के लिए ऑनलाइन वर वधू की तलाश करते हैं. ऐसे परिवारों को थोड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि लड़का-लड़की तलाशने के लिए जब भी छोटी या नई मैट्रिमोनियल साइट्स पर जाएं अतिरिक्त सावधानी जरूर बरतें. मेम्बरशिप का किसी और नाम पर पैसे जमा करने से पहले जांच पड़ताल जरूर कर लें, क्योंकि नई साइट्स के नाम पर लोग फर्जीवाड़ा ज्यादा करते हैं. इसलिए शादी के लिए इन साइट्स का सहारा लेने वालों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत हैं.
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