प्रयागराज:बढ़ते रियालिटीज शोज और स्टेज परफॉर्मेंस में अपने-आपको मजबूती से खड़ा करने के लिए प्रयागराज के युवा इन दिनों शास्त्रीय संगीत सीखने में लगे हुए हैं. साथ ही इनका मानना है कि संगीत प्रतियोगिता किसी भी विद्या की हो सभी का आधार शास्त्रीय संगीत ही है. यही वजह है कि शास्त्रीय संगीत सीखने वालों की संख्या तेजी से बड़ रही है.
भारतीय संगीत का आकर्षण एक बार फिर संगीत प्रेमियों को अपनी ओर खींच रहा है. प्रयागराज स्थित मेयोराबा में एक शिक्षा संस्थान सारेगामापा शास्त्रीय संगीत की वर्कशॉप चला रहा है. इसमें बच्चों को शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दी जा रही है. साथ ही शास्त्री संगीत की बारीकियों को भी सिखाया जा रहा है. सीखने की लगन ऐसी कि चाहे छोटा हो या बड़ा ताल से ताल मिलता नजर आ रहा है.
'टीवी रियलिटी शो से प्रेरित हुए युवा'
शास्त्रीय संगीत शिक्षिका पूजा कहती हैं कि संगीत आज रियलिटी शो में तेजी से बढ़ता चला आ रहा है. युवाओं में इन टैलेंट शो के प्लेटफार्मा पर अपनी बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए आज शास्त्रीय संगीत के प्रति रुझान बढ़ गया है. वहीं, कुछ गाने ऐसे हुआ करते हैं कि बिना शास्त्रीय संगीत के ज्ञान के उसे गाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि जब तक हमको राग की जानकारी नहीं होगी, तब तक हम उस गाने को अच्छे से नहीं गा सकते हैं.
'संगीत का आधार है शास्त्रीय संगीत'