प्रयागराज: पूरा विश्व कई महीनों से कोरोना महामारी को झेल रहा है. वहीं जिले में दुर्गा अष्टमी और नवमी के दिन माता ने प्रकट होकर कोरोनासुर का वध किया. मीरापुर के शास्त्री नगर इलाके में सजने वाले दुर्गा पंडाल को आयोजकों ने इस बार एक छोटी जगह पर सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सीमित कर दिया. इस बार यहां दुर्गा समिति ने एक नाटक का मंचन किया. जिसमें नवदुर्गा प्रकट होकर प्रतिकात्मक रूप से कोरोनासुर का वध कर रही हैं. कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने का नाटक पूरे इलाके में चर्चा में रहा.
सरकार की गाइडलाइन के चलते इस वर्ष दुर्गा पूजा विजयदशमी का त्योहार लोगों के लिए फीका रहा. कोरोना जैसी महामारी की मार झेल रहे प्रयागराज के लोग इस बार अपने-अपने इलाकों में भव्य दुर्गा पंडाल नहीं सजा पाए. हर तरफ केवल कोरोना की वजह से सीमित दायरे में ही दुर्गा प्रतिमाओं को स्थापित किया. वहीं मीरापुर के शास्त्री नगर मोहल्ले के दुर्गा पूजा पंडाल में भी कोरोना का असर दिखा. हालांकि यहां पर कोरोना की तर्ज पर दुर्गा प्रतिमा स्थापित की गई. इसमें महिषासुर को कोरोनासुर दिखाया गया है. यहां बच्चों ने कोरोना वध नाटक का मंचन भी किया. इसमें एक तरफ कोरोना कहता है कि हम पूरे देश में राज करने आए थे लेकिन नवरात्रि में माता ने प्रकट होकर हमें यहां से जाने पर विवश कर दिया है. वहीं माता दुर्गा ने कहा कि कई माह से हमारे भक्त कोरोना के वायरस को झेल रहे थे. इसका आज हमने वध कर दिया है.वहीं कमेटी के अध्यक्ष रामप्रताप ने कहा कि माता दुर्गा ने महिषासुर का वध अष्टमी और नवमी के मध्य में किया था. जिसको संधिकाल कहते हैं इसलिए कोरोना रुपी महिषासुर का माता ने वध कर लोगों को रोग मुक्त, भय मुक्त किया है. इस नाटक का उद्देश्य लोगों के अंदर से कोरोनो का भय खत्म करना है और जागरुक करना है. उन्होंने कहा कि भले ही कोरोना के मरीजों की संख्या घटने लगी है लेकिन अभी भी लोगों के दिमाग से कोरोना का डर गया नहीं है.