प्रयागराज: प्रयागराज उत्तर प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ (Uttar Pradesh Diploma Engineers Federation) के आह्वान पर जूनियर इंजीनियर के 22 सूत्री मांगों व संघर्ष कार्यक्रमों के द्वितीय चरण में मंगलवार को प्रयागराज मंडल स्तर पर एक विशाल एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इसमें 23 घटक संघ के सदस्य शामिल हुए.
धरने में वक्ताओं ने कहा कि भारतीय संविधान में किसी भी सरकारी कर्मचारी को उसके सेवाकाल में तीन प्रोन्नति का प्रावधान है. वहीं, जूनियर इंजीनियर को एक भी प्रमोशन नहीं मिल रहा है. मांग की कि प्रत्येक डिप्लोमा इंजीनियर को 7, 14 व 20 वर्ष की सेवा होने पर उसे प्रोन्नत वेतनमान प्रदान किया जाए.
साथ ही 2004 के बाद नियुक्त जूनियर इंजीनियरों को पुरानी पेंशन दी जाए. इतना ही नहीं निगमों, परिषदों, निकायों आदि में कार्यरत जूनियर इंजीनियरों की वेतन विसंगति दूर कर समय से वेतन प्रदान किया जाए.
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उन्होंने कहा कि गैर तकनीकी कार्यों की ड्यूटी से मुक्त करते हुए प्रमोशन में सेपरेट गैलरी का निर्धारण किया जाए. वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान सरकार कर्मचारियों का निरंतर शोषण कर रही है. सरकार ने जूनियर इंजीनियर को मिल रही स्पेशल फिटमेंट के रूप में 400 परिवार नियोजन प्रोत्साहन भत्ता (incentive allowance) 500 सहित अन्य भक्तों को समाप्त कर दिया गया है.
डिप्लोमा इंजीनियर के अध्यक्ष मनोज कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान सरकार को कर्मचारियों के समस्याओं का तत्काल निराकरण कर देना चाहिए. अन्यथा प्रदेश का समस्त कर्मचारी सरकार को बदलने का कार्य करेगी.
आगे कहा कि उनकी मांगों को नहीं माना गया तो संघर्ष कार्यक्रमों के तीसरे चरण में 8 दिसंबर को लखनऊ के सड़कों को जाम कर दिया जाएगा. यदि तब भी मांगें नहीं मानी गईं तो शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा. इसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.
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