अयोध्या/प्रयागराजः भगवान राम की नगरी में मकर संक्रांति की धूम है. ऐसे में बड़ी संख्या में श्रद्धालु कड़ाके की ठंड में मां सरयू के आंचल में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. श्रद्धालु भोर से ही सरयू में स्नान करने के बाद खिचड़ी, तिल दान कर रहे हैं. सरयू में स्नान के बाद मठ मंदिरों में श्रद्धालु दर्शन पूजन कर रहे हैं. पौराणिक मान्यता है कि 'गंगा बड़ी गोदावरी न तीर्थराज प्रयाग सबसे बड़ी अयोध्या जहां राम लीन्ह अवतार', जो लोग खिचड़ी स्नान के लिए प्रयागराज नहीं जा पाते वह लोग अयोध्या आते हैं. ऐसे में अयोध्या के आसपास के जिलों के भी श्रद्धालुओं की आमद अयोध्या में है. श्रद्धालु सुबह से ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं.
मकर संक्रांति पर सरयू स्नान का है विशेष महत्व
राष्ट्रीवादी संत दिवाकराचार्य करते हैं कि आज सूर्य उत्तरायण में प्रवेश करेंगे. इसके साथ ही आज भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलेंगे यह अद्भुत संयोग है. भगवान सूर्य के उत्तरायण होने यानी कि आज के दिन अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो परम लोक को प्राप्त करता है. उन्होंने बताया कि ऐसे धार्मिक महत्व है आज के लिए किया गया दान भी बहुत महत्व शाली होता है. वहीं, घाट पुरोहित ओम प्रकाश पांडे का कहना है कि आज रात 3:05 पर सूर्य ने मकर राशि में प्रवेश किया है. आज का दिन विशेष महत्व है. संक्रांति के मौके पर किया गया दान पुण्य विशेष लाभ प्रदान करता है. श्रद्धालुओं की रौनक नाम नगरी में ज्यादा है सुबह से ही दर्शन और पूजन का दौर शुरू हो चुका है.
श्रद्धालुओं ने लगाई संगम में आस्था की डुबकी
मकर संक्रांति के पावन अवसर पर प्रयागराज त्रिवेणी संगम पर आज भी देर रात से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. तेज सर्द हवाओं और गलन पर आस्था भारी पड़ रही है. पवित्र संगम जल में पुण्य की कामना से देश-विदेश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. आसन के मुताबिक पवित्र संगम जल और अलग-अलग घाटों पर अभी तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र संगम जल में डुबकी लगाई है.
श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर संपूर्ण मेला क्षेत्र में 15 घाट बनाए गए हैं और जगह-जगह पर सर्कुलेटिंग एरिया और डायवर्जन की भी व्यवस्था मेला क्षेत्र में की गई है. साइनस के माध्यम से संगम पहुंचने के लिए मार्गों को निर्देशित किया गया है. संगम घाट पर पीए सिस्टम से आने वाले साथियों को गहरे जल में स्नान न करने की सलाह दी जा रही है. संगम पहुंचने के लिए प्रमुख मार्गो काली सड़क त्रिवेणी मार्ग मोरी मार्ग और झांसी की तरफ से आने वाले मार्गों पर श्रद्धालुओं के अच्छी खासी भीड़ देखने को मिल रही है. प्रयागराज संगम तट पर होने वाले इस समागम के मद्देनजर पुलिस विभाग के द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.