प्रयागराज: धर्म और आस्था की नगरी प्रयागराज के संगम में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला नहीं रुक रहा है. श्रद्धालु इन दिनों शहर सहित दूरदराज से इस बाढ़ को देखने आ रहे हैं और संगम का आनंद भी ले रहे हैं. लोगों का कहना है कि बाढ़ के कारण थोड़ी सी दिक्कत जरूर हो रही है, लेकिन यह नजारा भी जन्नत से कम नहीं.
संगम घाट पर बढ़ी श्रद्धालुओं की भीड़ गंगा का जलस्तरबढ़ने के कारण संगम के घाट डूब गए हैं. इसलिए संगम के घाटों को पांच भागों में बांट दिया गया है. संगम नोज एक जगह न होने पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में कमी नहीं आई है. वहीं तीर्थ पुरोहित भी मायूस नहीं दिख रहे हैं. तीर्थ पुरोहितों का अनुमान है कि बाढ़ के बाद भी श्रद्धालु आ रहे हैं और एक पिकनिक जैसा माहौल हो गया है. लोग दूर दरार से अपने परिवार के साथ इस संगम का नजारा देखने आ रहे हैं. गंगा और यमुना की चंबल और बेतवा जैसी सहायक नदियों के बांधों से पानी छोड़ा गया है, जिसके कारण लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. आने वाले श्रद्धालुओं का कहना है कि थोड़ी सी दिक्कत जरूर हो रही है, लेकिन श्रद्धा में कमी नहीं आई है. लोग गंगा मां का आशीर्वाद लेने आ रहे हैं और संगम का नजारा ले रहे हैं. साथ ही नौका विहार करके पूरे घाटों का दर्शन भी कर रहे हैं और बच्चों समेत आनंद भी उठा रहे हैं. इस समय गंगा, यमुना, सरस्वती का नजारा अद्भुत है.
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आपको बता दें कि पहाड़ों पर लगातार हो रही तेज बारिश के बाद मैदानी इलाकों में नदियां ऊफान पर हैं. गंगा नदी (River Ganges) का जलस्तर तेजी से बढ़ रहाहै, जिसकी वजह से शहरी इलाकों की तरफ अब गंगा रुख कर रही है. वाराणसी में भी गंगा अपने असली जल स्तर से काफी ऊपर आ चुकी है. अब 84 घाटों की लंबी पूरी तरह से गंगा में समा गई है और गंगा सीढ़ियों से होते हुए अब सड़कों पर आने को बेताब हैं. हालात ये हैं कि गंगा नदी में जहां गंगा आरती हुआ करती थी या लोग चहल कदमी करते थे, वह स्थान अब पूरी तरह से पानी में है और वहां नौकाएं खड़ी हो रही हैं. पानी के बढ़ने के स्तर को देखते हुए प्रशासन ने सोमवार से वाराणसी में गंगा में चलने वाली नौकाओं के संचालन पर ही रोक लगा दी है. वाराणसी में पिछले सप्ताह से ही नौका संचालन पर रोक लगा दी गई है. अगर प्रयागराज में गंगा का जलस्तर बढ़ता है, तो यहां भी जल्द ही नौका संचालन पर रोक लगाई जाएगी.
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