प्रयागराज : संगम नगरी में 2025 में लगने वाले कुम्भ मेले से पहले ही देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को रोप-वे की सुविधा मिल सकती है. अभी तक रोप-वे का इस्तेमाल मुख्य रूप से पहाड़ों पर बने धार्मिक और दार्शनिक स्थलों पर आने-जाने के लिए ही किया जाता रहा है, लेकिन यूपी सरकार यहां इस तरह की सुविधा देने जा रही है. इसके लिए एक्सपर्ट्स की टीम सर्वे कर रही है. टीम से मिलने वाली रिपोर्ट के आधार पर डीपीआर तैयार की जाएगी. इसके बाद इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी. यहां से हरी झंडी मिलते ही रोप-वे का काम शुरू कर दिया जाएगा.
2025 में कुंभ में आने वाले श्रद्धालु और पर्यटक रोप-वे से संगम का नजारा देख सकेंगे. प्रयागराज मेला प्राधिकरण रोप-वे की कार्य योजना पर तेज गति के साथ कार्य करने में जुटा हुआ है. अभी रोप-वे को लेकर फिजिबिलिटी की जांच करवाई जा रही है. इसके साथ ही एक्सपर्ट्स रूट को लेकर सर्वे भी कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स की मौके की जांच और सर्वे रिपोर्ट के आधार पर डीपीआर बनवाई जाएगी.
गंगा-यमुना के मिलन को आसानी से देख सकेंगे श्रद्धालु :संगम तट पर गंगा और यमुना के किनारे से लेकर अरैल तक रोप-वे चलाने की तैयारी है. श्रद्धालु गंगा और यमुना के ऊपर से रोप-वे के जरिये होते हुए दोनों नदियों के संगम का अद्भुत दृश्य आसानी से देख सकेंगे. रोप-वे इस तरह से चलाए जाने की तैयारी है कि बुजुर्ग श्रद्धालुओं को भी इसका लाभ मिल सके. अभी तक कि योजना के मुताबिक पहले चरण में इस रोप-वे को नैनी के अरैल में स्थित त्रिवेणी पुष्प से शंकर विमान मंडपम मंदिर के आसपास से चलाए जाने की योजना पर काम चल रहा है. हालांकि अभी कोई फाइनल रूट या प्लान तैयार नहीं है. बताया जा रहा है कि रोप-वे में संगम और अरैल के अलावा तीसरा स्टेशन झूंसी के उल्टा किला के पास भी बनाया जा सकता है. प्रयागराज मेला प्राधिकरण की तरफ से अभी पर्यटन विभाग रोप-वे प्रोजेक्ट की रिपोर्ट बनवाने में लगा हुआ है.