प्रयागराज: माघ मेले का शुभारंभ 10 जनवरी से हो गया है. मेला क्षेत्र में कल्पवासी भी कल्पवास करना शुरू कर दिये हैं. एक माह तक चलने वाले इस मेले में कल्पवासी मिट्टी के चूल्हे में सात्विक भोजन तैयार करते हैं. माघ मेले शुरू होने के साथ ही मेला क्षेत्र में मिट्टी के चूल्हे और गोबर के कंडे की डिमांड बढ़ जाती है.
दारागंज घाट पर बसे कुम्हार तीन माह पहले से ही कल्पवासियों के मिट्टी चूल्हे और गोबर का कांडा बनाने लगते हैं. मेले शुरू होने के साथ ही अंत तक कल्पवासी मिट्टी के चूल्हे में खाना तैयार करते हैं और पूरे माह सात्विक भोजन करते हैं.
तीन माह पहले से शुरू होता है काम
माघ मेले शुरू होने से तीन माह पहले से ही दारागंज घाट पर 20 से अधिक महिलाएं मिट्टी के चूल्हे और गोबर के कंडे बनाने का काम करती हैं. इसके साथ मेला क्षेत्र में जबसे कल्पवासियों का आगमन होता है तब से ही मिट्टी के चूल्हे और गोबर के कंडे की बिक्री शुरू हो जाती है.