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सर्विस बुक में दर्ज जन्मतिथि सेवानिवृत्ति के बाद नहीं बदली जा सकती- HC - Justice JJ Munir

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि सेवा पंजिका में दर्ज जन्मतिथि कर्मचारी और नियोजक दोनों पर बाध्यकारी है. सेवानिवृति के बाद इसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट

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Published : May 29, 2021, 2:14 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि सेवा पंजिका मे दर्ज जन्मतिथि कर्मचारी और नियोजक दोनों पर बाध्यकारी है. सेवानिवृति के बाद इसमें परिवर्तन नहीं किया जा सकता. जन्मतिथि को सेवानिवृति के बाद पुनरीक्षित करना अतार्किक है.

एसडीएम शिकोहाबाद को कारण बताओ नोटिस जारी

हाईकोर्ट ने जिला फिरोजाबाद को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. कोर्ट ने कहा क्यों न उनके खिलाफ दुर्भाग्यपूर्ण कार्य करने के लिए उचित कार्रवाई की जाय. कोर्ट ने एसडीएम से 24 जून तक स्पष्टीकरण के साथ व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है. साथ ही याची से 5 साल के वेतन 27,85,388 रुपए की वसूली के आदेश व प्रक्रिया को निलंबित कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि याची से वसूली नहीं की जायेगी. यह आदेश न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने संग्रह अमीन पद से 2015 में सेवानिवृत्त पेंशन भोगी बचन सिंह की याचिका पर दिया है.

क्या था मामला?

दरअसल, एक याची 31 अक्टूबर 2015 को सरकारी पद सेवानिवृत्त हुआ. सेवा पंजिका मे हाईस्कूल प्रमाणपत्र के आधार पर जन्मतिथि 10 अक्टूबर 1955 दर्ज है. वह पेंशन पा रहा है. एसडीएम ने हाईस्कूल के पहले की शिक्षा में दर्ज जन्मतिथि 10 अक्टूबर 1950 के आधार पर जन्मतिथि परिवर्तित करने का आदेश दिया और पांच साल अधिक सेवा का वेतन वापसी का निर्देश दिया.

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कोर्ट ने कहा, संविधान के अनुच्छेद 23 में बेगार लेने पर रोक है. यदि याची से अधिक समय तक काम लिया गया है और वेतन नहीं दिया जाता तो ये बेगार होगा. उसे अधिक समय तक काम करने का वेतन देना होगा. कोर्ट ने प्रथमदृष्टया एसडीएम के आदेश को विधि विरूद्ध करार दिया है. अब मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी.

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