प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट के इर्द गिर्द यातायात जाम की समस्या को लेकर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सवाल उठाया कि हाई कोर्ट के अधिवक्ता कोर्ट परिसर के बाहर फ्लाईओवर ब्रिज के नीचे कुर्सी मेज लगाकर क्यों बैठते हैं? यह अहम सवाल उस वक्त सामने आया जब याची अधिवक्ता ने हाईकोर्ट फ्लाई ओवरब्रिज के नीचे लगने वाले भीषण जाम की शिकायत करते हुए उधर से आम लोगों का आवागमन रोकने और सिर्फ वकीलों को ही प्रवेश देने की मांग की. जनहित याचिका अधिवक्ता सुनीता शर्मा की ओर से दाखिल की गई हैं. इस पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जे जे मुनीर की खंडपीठ ने सुनवाई की.
याचिका पर अधिवक्ता विजय चंद श्रीवास्तव व प्रशांत सिंह ने बहस की. अधिवक्ताओं का कहना था कि हाईकोर्ट के गेट संख्या 4 और 5 के सामने से गुजरने वाले फ्लाईओवर के नीचे हर दिन भीषण जाम लगता है. इसकी बड़ी वजह यह है कि आम लोगों का आवागमन भी इस रास्ते से होता है, जिसकी वजह से जाम की समस्या भयानक हो जाती है. कोर्ट से मांग की गई कि गेट संख्या 4 व 5 के सामने से आम वाहनों का आवागमन बंद कर दिया जाए तथा सिर्फ वकीलों और उनके वाहनों को ही प्रवेश दिया जाए.
दूसरी ओर अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल का कहना था कि यदि गेट संख्या 4 और 5 के सामने से आम लोगों का आवागमन पूरी तरीके से बंद कर दिया जाएगा तो हाईकोर्ट के पीछे रहने वाले शंभू बैरक में रहने वाले लोगों के आवागमन के लिए कोई मार्ग नहीं बचेगा क्योंकि दूसरी तरफ सेना का छावनी इलाका है, जहां से आम लोगों का आवागमन पहले से ही प्रतिबंधित है. दूसरी और याची अधिवक्ताओं का कहना था कि आम लोगों को आवागमन के लिए नवाब युसूफ रोड होकर पत्थर गिरजा घर तक आने का विकल्प उपलब्ध है. आम लोगों के आवागमन के लिए इस वैकल्पिक मार्ग का उपयोग किया जा सकता है.