प्रयागराज: 10 सालों से अधर में लटका है कांशीराम योजना का मल्टीस्टोरी स्कूल - प्रयागराज में काशीराम योजना
यूपी के प्रयागराज जिले में कांशीराम योजना के तहत शुरू हुए स्कूल का निर्माण कार्य अधर में लटका है. बता दें कि स्कूल निर्माण के लिए 32 लाख रुपये आवंटित किए थे. वहीं 10 सालों में सुध न लेने की वजह से निर्माणाधीन स्कूल खंडहर में तब्दील हो गया है.
प्रयागराज: यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती शासन काल में कांशीराम योजना का शुभारंभ हुआ था. इस योजना के तहत यूपी के कई जिलों में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग, स्कूल और पार्क का निर्माण शुरू किया गया. इसी क्रम में प्रयागराज जिले के फाफामऊ विधानसभा में कांशीराम आवास बिल्डिंग का निर्माण किया गया. इसके बाद कांशीराम योजना के तहत 2010-11 में झलवा और फाफामऊ में मल्टीस्टोरी स्कूल बनाने के लिए सरकार से स्वीकृति मिली. सरकार की मंशा थी कि इन स्कूलों में काशीराम आवास में रहने वाले बच्चे एक से आठ तक पढ़ाई कर सकें. कांशीराम आवास की बिल्डिंग तैयार हो गई और 2015 में लोगों को आवास भी आवंटित कर दिया गया. बावजूद इसके मल्टी स्टोरी स्कूल का निर्माण अधर में ही लटका रहा. कांशीराम आवास योजना फाफामऊ में बनने वाले परिषदीय मल्टी स्टोरी स्कूल का निर्माण दस सालों में भी नहीं हो सका है.
वर्तमान सरकार ने प्रत्येक स्कूल निर्माण के लिए 32-32 लाख रुपये आवंटित किए थे. प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) को झलवा और फाफामऊ में बनने वाले मल्टी स्टोरी स्कूल का जिम्मा दिया गया था. झलवा में स्कूल बनकर तैयार हो गया और 2012-13 से वहां पर बच्चे पढ़ने लगे, लेकिन फाफामऊ में निर्णय होने वाली स्कूल का निर्माण तो शुरू हुआ, लेकिन आज तक पूरा नहीं हो सका. मल्टीस्टोरी निर्माण के लिए बेसिक शिक्षा विभाग में प्रयागराज प्राधिकरण विभाग को 32 लाख देकर मानों भूल ही गए. यहां स्कूल के लिए दीवारों का निर्माण तो हुआ, लेकिन 10 सालों में सुध न लेने की वजह से निर्माणाधीन स्कूल खंडहर में तब्दील हो चुका है.
समस्याओं का लगा अंबार
कांशीराम आवास में रहने वाली सुमन सिंह का कहना है कि जब आवास योजना के तहत काम शुरु हुआ था, तभी स्कूल निर्माण के लिए भी काम शुरू किया गया था, लेकिन ठेकेदार की लापरवाही होने की वजह से काम बंद हो गया. 10 साल बीत जाने के बावजूद अब तक न तो पीडीए ने सुध ली है और न ही शिक्षा विभाग ने. स्कूल की बाउंड्री अब खंडहर में तब्दील हो गई है. इसके साथ ही कांशीराम आवास में न तो सफाई कर्मचारी आते हैं और न ही पाइप लाइन की व्यवस्था की गई है. पिछले कई सालों से पानी पाइप लाइन खराब होने से गंदा पानी पीने को लोग मजबूर हैं.
240 फ्लैट में रहते हैं एक हजार लोग
सुमन आगे बताती हैं कि 2008 में काशीराम आवास का निर्माण शुरू हुआ था और 2010 में मल्टी स्कूल का निर्माण शुरू हुआ. काशीराम आवास बनकर तैयार हो गया और 2015 में 240 फ्लैट आवंटित भी कर दिए गए. लेकिन स्कूल का काम बंद हुआ तो दोबारा शुरू नहीं हो सका. कांशीराम आवास में 240 फ्लैट में 15 ब्लॉक बनाए गए हैं, जिसमें कुल एक हजार लोग निवास करते हैं.
स्कूल न बनने से हो रही दिक्कत
कांशीराम आवास में रहने वाले दीना कुमार ने बताया कि स्कूल न बनने की वजह से आवास में रहने वाले परिवार के लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भेजने को मजबूर हैं. प्राइवेट स्कूल में फीस अधिक होने के वजह से आर्थिक संकटों से भी जूझना पड़ता है. जिले के प्राधिकरण विभाग के मुख्य अभियंता सुबोध राय ने जानकारी देते हुए बताया कि कांशीराम योजना के तहत जिले में दो मल्टी स्टोरी स्कूलों निर्माण की स्वीकृति मिली थी. झलवा का स्कूल बनकर तैयार होने के बाद 2013 में शुरू कर दिया गया था, लेकिन फाफामऊ में मल्टी स्टोरी स्कूल भुगतान के बाद क्यों नहीं बनी? इसके बारे में पता लगवाते हैं कि आखिरकार भुगतान के बावजूद निर्माण कार्य क्यों पूरा नहीं हो सका?