उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

छठ पर्वः संगम घाट पर उमड़ेगा आस्था का सैलाब - sangam ghat

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छठ पूजा को लेकर संगम घाट पर तैयारी चल रही है. चार दिनों तक व्रती महिलाएं पूजा पाठ करने के लिए संगम घाट पर पहुंचेंगी. संगम घाट पर पूर्वंचल के नहीं बल्कि बिहार से भी लोग पूजा-पाठ करने आते हैं.

छठ पूजा को लेकर संगम घाट पर तैयारी शुरु.

By

Published : Oct 31, 2019, 5:17 PM IST

Updated : Oct 31, 2019, 9:03 PM IST

प्रयागराज:हिंदुओं का प्रमुख पर्व छठ पूजा आज से शुरू हो गया है. ये पर्व पूरे चार दिनों तक चलता है. इस पर्व का खास रौनक खासकर बिहार, उत्तराखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में देखने को मिलती है. आज से संगम घाट पर चार दिनों तक व्रती महिलाएं पूजा पाठ करने के लिए पहुंचेंगी. आज से पूजा का पहला दिन जिसमें महिलाएं नहाय-खाय करती है. इसके बाद एक अक्टूबर को खरना फिर 2 अक्टूबर को सायंकाल सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं फिर 3 अक्टूबर की सुबह सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा समाप्त करती हैं.

छठ पूजा को लेकर संगम घाट पर तैयारी शुरु.


इसे भी पढ़ें-दिल्ली: वजीराबाद के राम घाट पर फैली है गंदगी, श्रद्धालु परेशान

संगम घाट पर लगाई गई बल्लियां
छठ पूजा को लेकर घाट पर तैयारी चल रही है. आज से छठ पूजा की शुरुआत हो गई है. जिसको लेकर संगम घाट पर बल्लियों से ब्रेकेटिंग कर दी गई है. इसके साथ ही घाटों पर लाइट लगा दी गई है, पंडाल में सूर्य देवता की मूर्ति भी स्थापित की जा रही है. संगम घाट पर आने वाली सभी व्रती महिलाओं को किसी भी प्रकार से दिक्कतों का सामना न करना पड़ा इसका भी पूरा ध्यान दिया गया है.

हर समुदाय के लोग एक साथ संगम घाट पर करते हैं पूजा पाठ
छठ पूजा में किसी भी प्रकार से भेद भाव नहीं देखा जाता है. एक घाट पर हजारों की संख्या में अलग-अलग जाती की महिलाएं बिना किसी भेद भाव को देखते हुए पूजा पाठ करती हैं. संगम घाट पर गरीब से लेकर अमीर तक जमीन पर बैठकर एक समान पूजा पाठ करता है. संगम घाट पर प्रयागराज से ही नहीं बल्कि बिहार, उत्तराखंड के भी व्रती महिलाएं यहां आती हैं और परिवार की मंगलकामना के लिए संगम घाट पर पूजा पाठ करती हैं. बाहर से आने वाली व्रती महिलाएं के लिए पंडाल में रुकने की व्यवस्था भी की गई है.

चार दिन तक चलती है छठी मइया की पूजा
आज से पर्व का पहला दिन होता है. जिसमें महिलाएं संगम घाट पर आकर घाट पर स्नान करती हैं और गंगा मइया से संकल्प लेकर पूजा की शुरुआत करती हैं. आज के दिन को नहाय-खाय के नाम बोला जाता है. इसके बाद दूसरे दिन को खरना कहा जाता है इस दिन महिलाएं निराजली व्रत रखती हैं और शाम को हल्का भोजन ग्रहण करती हैं. तीसरे दिन व्रती महिलाएं शाम को सूर्य देवता को पानी मे खड़े होकर अर्घ्य देती हैं और पूरी रात जगती हैं. इसके बाद सुबह होते ही पूरी परिवार के साथ घाट पर पहुंचकर सूर्य देवता को पानी मे खड़े होकर अर्घ्य देकर पूजा का समापन करती हैं.

मूलरूप से परिवार की समृद्धि और एकता के लिए इस पर्व को मनाया जाता है. माता सीता और द्रोपती ने भी परिवार के सुख समृद्धि के लिए छठी माहिया की चार दिनों तक पूजा किया था. चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में विशेष पूजा के सामग्री के साथ ही व्रती महिलाएं अपने परिवार के साथ बड़े ही धूमधाम से पूजा पाठ करती हैं.
-अजय राय, पूर्वंचल छठ पूजा समिति अध्यक्ष

Last Updated : Oct 31, 2019, 9:03 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details