प्रयागराज:महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले से जुड़ी बड़ी खबर से आ रही है. सीबीआई की टीम आनंद गिरि को लेकर देहरादून पहुंच गई है. बताया जा रहा है कि देहरादून से हरिद्वार ले जाकर सीबीआई टीम आनंद गिरि से पूछताछ करेगी. इसके साथ ही सीबीआई की टीम आनंद गिरि को उनके हरिद्वार स्थित सील आश्रम में भी ले जा सकती है. जहां कथित वीडियो की बरामदगी के लिए आश्रम की तलाशी ली जा सकती है.
7 दिनों तक सीबीआई की रिमांड पर रहने के बाद आनंद गिरि कई बड़े खुलासे कर सकता है. अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के तार प्रयागराज के बाद सबसे अधिक अगर कहीं जुड़ते हैं तो वह है धर्म नगरी हरिद्वार है. यहां रहकर वह कौन लोग थे जो महंत नरेंद्र गिरि को लगातार कॉल कर रहे थे?
आखिरकार वह कौन सा राज था जिसके बारे में आनंद गिरि जानता था. वह लगातार नरेंद्र गिरि को फोन कर रहा था. आखिरकार वह कौन से प्रॉपर्टी डीलर हैं जो अखाड़े की संपत्ति को बेच कर करोड़पति बने हैं? वह कौन लोग हैं जिन्होंने नरेंद्र गिरि को मौत से पहले कई कॉल किए. ऐसे न जाने कितने सवालों के जवाब ढूंढने के लिए सीबीआई हरिद्वार आ गई है.
एक समय था जब हरिद्वार में सिर्फ अखाड़ों की संपत्ति हुआ करती थी. जानकार बताते हैं कि हरिद्वार में अगर विशालकाय कंक्रीट का जंगल खड़ा हुआ है तो उसमें 50% से अधिक जमीन अखाड़ों की है. इसमें निरंजनी अखाड़ा महत्वपूर्ण है. सालों पुराने ऐतिहासिक मंदिरों के साथ-साथ कई बीघा में फैली अखाड़ों की संपत्ति धीरे-धीरे कम होती चली गई. इसमें सबसे अधिक अगर किसी ने मौज काटी तो वो हरिद्वार के प्रॉपर्टी डीलर थे.
बताया जाता है कि नरेंद्र गिरि भी संपत्ति विवाद के चलते ही अपने शिष्य आनंद गिरि से परेशान हो गए थे. नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में भी यह साफ लिखा है कि आनंद गिरि उन्हें लगातार किसी मामले के चलते ब्लैकमेल कर रहे थे. ऐसे में अब सीबीआई न केवल आनंद गिरि को उन जगहों पर ले जाएगी. जहां पर सीबीआई को कुछ सबूत मिल सकते हैं बल्कि उन संतों से भी सीबीआई पूछताछ करेगी जहां आनंद गिरि का अक्सर आना-जाना रहता था.
सीबीआई की टीम हरिद्वार के श्यामपुर स्थित आश्रम में आनंद गिरि को लेकर जाएगी, जहां आनंद गिरि के सपनों का आश्रम या यह कहें तथाकथित होटल जैसा एक आलीशान आश्रम तैयार हो रहा था. जिसमें वह हर सुख-सुविधा बनवाई जा रही थी जो शायद ही गृहस्थ जीवन में भी एक आम इंसान के पास नहीं होती. गंगा किनारे बने इस आश्रम को हालांकि प्रशासन पहले ही सील कर चुका है, लेकिन सीबीआई को लगता है कि वहां पर मौजूद कंप्यूटर, लैपटॉप और अन्य मोबाइल जो आनंद गिरि अक्सर इस्तेमाल करता था उनको बरामद करके कई तरह के सबूत जुटाये जा सकते हैं.