प्रयागराज: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद से भूमाफियाओं की कुंडली बनाकर उनके खिलाफ लगातार कार्यवाई की गई. इस दौरान संगम नगरी प्रयागराज में माफियाओं और भूमाफियों के खिलाफ लगातार कार्यवाई की है. उसके बावजूद भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हैं. ऐसे ही बेखौफ भूमाफिया ने ससुर खदेरी नदी पर पुल बना दिया. उसने किसानों से जमीन लेकर पुल बनाने के साथ नदी के किनारे की जमीन पर कब्जा कर अपनी प्लॉटिंग वाली जमीन में शामिल कर लिया. मामले की जानकारी मिलने के बाद अब पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
ससुर खदेरी नदी पर दबंगों ने बनाया अवैध पुल, एक्शन में प्रशासन
प्रदेश सरकार भले ही भूमाफियाओं की कुंडली खंगाल-खंगाल कर उनके खिलाफ एक्शन ले रही हो, मगर फिरभी भूमाफियाओं के हौसले कम होते नहीं दिख रहे. ताजा मामला संगम नगरी प्रयागराज का है. यहां, एक बेखौफ भूमाफिया ने तो ससुर खदेरी नदी पर पुल ही बना डाला. यही नहीं, पुल बनाने के साथ नदी के किनारे की जमीन पर कब्जा कर अपनी प्लॉटिंग में मिला लिया. मामला जब पुलिस के संज्ञान में आया तो केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.
लोगों ने की शिकायत
नदी पर पुल पर बनाकर नदी के प्रवाह को रोकने का काम किये जाने की शिकायत जब अफसरों को मिली, तो वह हरकत में आ गए. राजस्व और नगर निगम के साथ ही प्रयागराज विकास प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंची और जांच पड़ताल की. जांच में सामने आया कि नदी पर जबरन कब्जा कर पुल बनाया गया है. इसके साथ ही जिस स्थान पर पुल बना है, वहां पर नदी की चौड़ाई भी मिट्टी डालकर कम कर दी गयी है. जिसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस से शिकायत की गई. धूमनगंज पुलिस ने मामले में प्रॉपर्टी डीलर गुलबहार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है.
आईजी ने कहा होगी कार्रवाई
इस मामले में आईजी रेंज केपी सिंह का कहना है कि ससुर खदेरी नदी पर पुल बनाने के मामले में धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. आईजी का यह भी कहना है कि इस मामले में यह भी जांच की जाएगी कि इस कारनामे के पीछे इलाके के बड़े भूमाफियाओं का गैंग भी तो नहीं शामिल है. क्योंकि जिसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है उसका संबंध पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद से है और उसे अतीक अहमद का करीबी बताया जाता है. यही वजह है कि पुलिस यह भी पड़ताल कर रही है कि कहीं नदी पर पुल बनाने के मामले में भी अतीक अहमद के गुर्गे भी तो नहीं शामिल हैं.
यही नहीं, आईजी ने यह भी कहा कि इस मामले में धूमनगंज थाना क्षेत्र के उस इलाके के पुलिस कर्मियों के साथ ही राजस्व व प्राधिकरण के कर्मचारियों के भूमिका की भी जांच की जाएगी. साथ ही पुलिस यह भी पता लगाएगी कि जब ये निर्माण हो रहा था तो उस वक्त राजस्व और प्रयागराज विकास प्राधिकरण के कर्मचरियों ने इसे क्यों नहीं रोका. नदी पर पुल बनाने के मामले में सरकारी कर्मियों की मिलीभगत तो नहीं है. पुलिस इसकी भी जांच करेगी. नदी पर पुल बनाने के इस कार्य में किसी भी सरकारी कमर्चारी के मिलीभगत की जानकारी मिलेगी तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
तोड़ा जाएगा अवैध पुल
उन्होंने कहा कि सरकारी मंजूरी और बिना सर्वे के नदी की धारा को बाधित कर बनाए गए पुल को जल्द ही ध्वस्त किया जाएगा. जिसके लिए विकास प्राधिकरण की टीम का सहयोग कर पुलिस ध्वस्तीकरण की कार्यवाई को करवाएगी. आईजी ने कहा कि इस तरह से पुल बनाए जाने से आसपास के इलाकों में बाढ़ का खतरा भी हो सकता है, क्योंकि जब नदी की चौड़ाई को कम कर दिया गया है तो वहां से पानी के बहाव की रफ्तार कम हो जाएगी. जिससे उस इलाके में बरसात और बाढ़ के दौरान बाढ़ का खतरा भी बढ़ जाएगा.