प्रयागराज: पुलिस ने आयुर्वेदिक औषधि के नाम पर भांग की गोलियां बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. इसके साथ ही नशे का कारोबार करने वाले तीन शातिरों को गिरफ्तार भी किया गया है. सोरांव थाना क्षेत्र के फाफामऊ इलाके में चल रही इस फैक्ट्री के अंदर 100 कुंतल से अधिक भांग बरामद की गयी है. पकड़े गए भांग की कीमत करीब 60 लाख रुपये बतायी जा रही है. पुलिस नशे का कारोबार करने वाले इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है.
भांग की फैक्ट्री का खुलासा. नियमों की अनदेखी कर अवैध रूप चल रही इस भांग की फैक्ट्री के अंदर अलग-अलग कंपनियों के रैपर और पैकेट भी बरामद हुए हैं. यही नहीं पुलिस को छापेमारी के दौरान फैक्ट्री के अंदर भांग की गोलियां बनाने के साथ ही उसे पैक करने वाली कई मशीनें भी मिली हैं. जहां से नशे की गोलियां बनाकर उन्हें आयुर्वेदिक औषधि लिखे पैकेट में पैक करके बाजार में भेज जा रहा था.
मुनक्का के नाम पर नियमों की उड़ाई जा रही धज्जियां-
- पैकेट के ऊपर आयुर्वेदिक औषधि लिखकर भांग की गोलियां सप्लाई करना.
- 1250 किलो तक भांग रखने मिला लाइसेंस, छापेमारी में दस गुना ज्यादा भांग हुई बरामद.
- दूसरी कंपनी के रैपर में मुनक्का पैक कर सप्लाई करना ट्रेडमार्क और कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन.
- भांग की गोलियों में नशा बढ़ाने के लिए यूरिया और अन्य केमिकल मिलाने की आशंका.
- गोलियां बनाने में सड़े और घटिया किस्म के सामान की मिलावट करना.
- घटिया किस्म के गुड़ के साथ सड़े हुए खजूर और घास फूस के साथ ही बुरादा भी मिलाये जाने की आशंका.
मौके पर मौजूद आबकारी विभाग की इंस्पेक्टर कीर्ति सिंह ने बताया कि इस फैक्ट्री में 1250 किलो भांग रखने का लाइसेंस दिया गया था. लेकिन फैक्ट्री के अंदर लाइसेंस से करीब 10 गुना ज्यादा भांग स्टॉक करके रखा गया था. फैक्ट्री के अंदर से रैपरों के ऊपर आयुर्वेदिक औषधि लिखकर भांग की सप्लाई किए जाने के मामले की भी जांच की जाएगी. भांग की गोलियों को औषधि के रूप में लिखकर बाजार में बेचना सरासर गलत है और आम लोगों के साथ धोखाधड़ी भी है .
क्या होता है मुनक्का
पुलिस की ओर से छापेमारी कर पकड़ी गयी भांग की फैक्ट्री को चलाने के लिए आबकारी विभाग से मुनक्का बनाने का लाइसेंस लिया गया था. यूपी के कई जिलों में मुनक्का को भांग का लडडू भी कहा जाता है. मुनक्का प्रयागराज और उसके आस-पास के जिलों में भांग से बनी गोलियों को कहा जाता है. लेकिन मुनक्का बनाने वाली यह फैक्ट्रियां उसमें भांग के अलावा कई अन्य नशीली चीजें मिलाकर इसे और नशीला बनाने का काम करती हैं. नशे की इन गोलियों की कीमत 5 रुपये या उससे भी कम होती है. इसी वजह से बहुत से लोग इसे खाकर नशा करते हैं.
नकली पैकेट में बेची जा रही थी भांग. वहीं एसपी गंगापार धवल जायसवाल ने फैक्ट्री के अंदर तैयार की गई भांग की गोलियों के साथ ही पैकेट में मौजूद भांग की गोलियां और वहां इस्तेमाल किए जाने वाले सभी सामानों के सैंपल लेकर उसे जांच के लिए लैब भेजने की बात कही है. उन्होंने बताया कि नशे के इस अवैध कारोबार में और कौन-कौन लोग शामिल हैं, उनका पता लगाया जा रहा है. इसके साथ ही पुलिस को यह भी आशंका है कि इस फैक्ट्री से भांग की सप्लाई भी की जाती है. इतनी बड़ी मात्रा में भांग स्टॉक करके रखने के पीछे इस गिरोह का क्या मकसद है, पुलिस यह भी पता करने में जुटी हुई है.
नकली पैकेट में बेची जा रही थी भांग.