प्रयागराजःउत्तर प्रदेश में दूसरी बार सत्ता में आने पर योगी सरकार संगम नगरी के करेली थाना क्षेत्र में 2007 में हुए मदरसा गैंगरेप कांड की जांच करवाएगी. इस बात की घोषणा करके कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एक बार फिर अतीक अहमद गैंग पर निशाना साधा है. उन्होंने 14 साल पुराने मामले का आरोपी अतीक अहमद के छोटे भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को बताया है. इसके साथ उस मामले की जांच दोबारा कराने की बात कही है.
कैबिनेट मंत्री के इस बयान के बाद बाहुबली अतीक अहमद की पत्नी ने कहा कि कैबिनेट मंत्री के पास कोई मुद्दा नहीं है, ये उनका चुनावी स्टंट है. पांच साल से सरकार में थे तब क्यों जांच नहीं करवाई. अब दूसरी बार सरकार बनने पर जांच की बात क्यों कर रहे हैं. अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने कहा कि स्थानीय विधायक अतीक अहमद के नाम पर चुनावी स्टंट कर वोट हासिल करना चाहते हैं.
गौरतलब है कि जनवरी 2007 में प्रयागराज के करेली थाना क्षेत्र के एक मदरसा से दो युवतियों का अपहरण कर उनके साथ गैंगरेप किया गया था. इस मामले में उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार को घेरने के लिए बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रयागराज पहुंचकर पीड़ितों के इंसाफ के लिए आवाज उठायी थी. इसके बाद उस वक्त की करेली पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था. इन पांच आरोपियों में एक मानसिक विक्षिप्त भी शामिल था. बाद में साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने सभी को बरी कर दिया था. इसके बाद इलाके की जनता ने थाने पर पथराव भी किया था. लोगों का आरोप है कि सत्ता के दबाव में सफेद पोश लोगों को बचाया गया है.
घटना के बाद यूपी के सीएम रहे मुलायम सिंह यादव प्रयागराज आये थे. उन्होंने मदरसा कांड का न तो जिक्र किया न पीड़ितों से मुलाकात की थी. जिसके अगले दिन घटना का सियासी लाभ लेने के लिए बसपा प्रमुख मायावती प्रयागराज पहुंच गयी थी. उन्होंने पीड़ितों से मिलकर न्याय के लिए आवाज उठायी और सरकार बनने पर जांच कर दोषियों को सजा दिलाने की घोषणा की थी. इसके बाद 2007 में बसपा की सरकार बनने पर मामले की जांच सीबीसीआईडी ने की थी. लेकिन इस जांच में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
इसे भी पढ़ें-जब पीएम मोदी ने कहा- ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको इन्होंने ठगा नहीं, पढ़िए ठग्गू के लड्डू की कहानी
कैबिनेट मंत्री के इस एलान के बाद बाहुबली अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन ने कहा कि ये सब शहर पश्चिमी के विधायक व सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का चुनावी स्टंट है. अगर उन्हें इस 14 साल पुराने मामले की जांच करवानी थी तो अभी तक सरकार में रहने के दौरान क्यों नहीं करवायी. अब जब सत्ता और विधायकी जा रही है तो उन्हें मदरसा कांड की याद आ रही है. ये सब उनका चुनावी स्टंट है. अपने कार्यकाल में इलाके में काम तो किया नहीं तो किस नाम पर वोट मांगे.यही वजह है कि अतीक अहमद का नाम जोड़कर अब इस मामले में दोबारा सत्ता में आने पर जांच करवाने की मांग करते हुए वोट मांग रहे हैं.