उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

बीएसए ने हाईकोर्ट में हाजिर होकर ग्रेच्युटी भुगतान के लिए मांगी मोहलत - Prayagraj news

बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्रुखाबाद लालजी यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में हाजिर होकर एक मामले में ग्रेच्युटी भुगतान के लिए हफ्ते का समय मांगा.

कोर्ट की न्यूज
कोर्ट की न्यूज

By

Published : May 9, 2022, 9:06 PM IST

Updated : May 9, 2022, 11:00 PM IST

प्रयागराजः बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्रुखाबाद लालजी यादव इलाहाबाद हाईकोर्ट में हाजिर हुए और आदेश पालन के लिए एक हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा. उन्होंने हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि ग्रेच्युटी पर ब्याज की गणना कर ली गई है. अनुमोदन के बाद भुगतान कर दिया जाएगा. कोर्ट ने एक हफ्ते का समय दिया है. याचिका की सुनवाई 16 मई को होगी.

इससे पहले कोर्ट ने लालजी यादव के खिलाफ अवमानना आरोप निर्मित कर 21 अप्रैल को कारण बताने को कहा था. कहा था कि क्यों न उन्हें जानबूझकर कोर्ट आदेश की अवहेलना करने के लिए दंडित किया जाए. 21अप्रैल को बीएसए ने अनुपालन हलफनामा दाखिल कर ग्रेच्युटी का भुगतान करने की जानकारी दी किन्तु ब्याज का भुगतान नहीं किया. इस पर कोर्ट ने उन्हें 26 अप्रैल को तलब किया.

हाजिर न होने पर कोर्ट ने बीएसए को आदेश का पूरी तरह से पालन कर नौ मई को पेश होने का निर्देश दिया था जिसपर हाजिर होकर बीएसए ने समय मांगा. यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव ने देवब्रत की अवमानना याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता अनुराग शुक्ल व बीएसए की तरफ से अधिवक्ता यतींद्र ने बहस की. मालूम हो कि याची के पिता जगदंबा प्रसाद प्राथमिक विद्यालय निविया, राजेपुर, फर्रुखाबाद में प्रधानाध्यापक के पद कार्यरत थे. सेवा काल में उनकी मृत्यु हो गई.

सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान किया गया किन्तु यह कहते हुए ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार कर दिया गया कि मृत्यु से पहले याची के पिता ने 60 वर्ष की सेवानिवृत्ति विकल्प नहीं दिया है. विकल्प न देने वाले अध्यापक 62 साल की आयु तक कार्य करेंगे किंतु वे ग्रेच्युटी के हकदार नहीं होंगे. कोर्ट ने कहा कि उषा रानी केस में कोर्ट ने विकल्प भरने से पहले दिवंगत होने वाले अध्यापकों को 60 वर्ष में सेवानिवृत्त मानते हुए ग्रेच्युटी का भुगतान करने का आदेश दिया है. कोर्ट का मानना है कि विकल्प देने से पहले मौत पर यह नहीं कह सकते कि वे 62 साल का विकल्प ही देते.

कोर्ट ने याची की याचिका स्वीकार करते हुए दो माह में ग्रेच्युटी के भुगतान का आदेश दिया और देरी से भुगतान पर आठ फीसदी ब्याज देय होगा. आदेश का पालन नहीं किया गया तो अवमानना याचिका दायर की गई. पालन का मौका देने पर भी आदेश का अनुपालन नहीं किया तो कोर्ट ने अवमानना आरोप निर्मित कर दंड देने पर कारण बताने का आदेश दिया.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : May 9, 2022, 11:00 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details