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प्रयागराज में बनाया जा रहा जिंदगी बचाने वाला 'पासपोर्ट'

प्रयागराज में स्थित मोती लाल नेहरू मंडलीय कॉल्विन हॉस्पिटल (Motilal Nehru Divisional Colvin Hospital) में ब्लड प्रेशर के मरीजों का बीपी पासपोर्ट कार्ड बनाया जा रहा है. जिसके जरिये बीपी के मरीजों की जांच करके उन्हें एक महीने की फ्री दवा भी दी जा रही है.

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Published : Aug 22, 2021, 9:04 PM IST

मोती लाल नेहरू मंडलीय कॉल्विन हॉस्पिटल मरीज का ब्लड प्रेशर चेक करती डॉक्टर.
मोती लाल नेहरू मंडलीय कॉल्विन हॉस्पिटल मरीज का ब्लड प्रेशर चेक करती डॉक्टर.

प्रयागराजःजिले में एक ऐसा पासपोर्ट (Passport) बनाया जा रहा है, जो लोगों के विदेश जाने के काम तो नहीं आएगा. लेकिन इस पासपोर्ट की मदद से लोगों की जिंदगी जरूर सुरक्षित होगी. मोती लाल नेहरू मंडलीय कॉल्विन हॉस्पिटल (Motilal Nehru Divisional Colvin Hospital) में ब्लड प्रेशर के मरीजों का बीपी पासपोर्ट कार्ड बनाया जा रहा है. जिसके जरिये बीपी के मरीजों की जांच करके उन्हें एक महीने की फ्री दवा भी दी जा रही है. सरकार की तरफ से हाइपरटेंशन के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस योजना को शुरू किया गया है.

प्रयागराज में बनाया जा रहा बीपी पासपोर्ट.

मोती लाल नेहरू मंडलीय कॉल्विन हॉस्पिटल में बीपी के मरीजों की जांच की जाती है .उसके बाद इन मरीजों के नाम और डिटेल्स को सिंपल एप में फीड करने के साथ ही उनका बीपी पासपोर्ट बनाया जाता है. इस पासपोर्ट कार्ड के बन जाने के बाद उसे दिखाने पर मरीजों को एक महीने की ब्लड प्रेशर की दवा मुफ्त में दी जाती है. इसके अलावा मरीजों को निमयित चेकिंग के लिए हॉस्पिटल या नजदीकी स्वास्थ केंद्र में जाने की सलाह दी जाती है. जहां पर मरीज ब्लड प्रेशर की जांच करवाने के साथ ही बीपी पासपोर्ट दिखाकर एक महीने की फ्री दवा हासिल कर सकते हैं.

मोती लाल नेहरू मंडलीय कॉल्विन हॉस्पिटल मरीज का ब्लड प्रेशर चेक करती डॉक्टर.

कॉल्विन हॉस्पिटल के अलावा जिले की तहसीलों में बने सीएचसी में भी बीपी पासपोर्ट कार्ड दिखाकर दवाएं हासिल की जा सकती हैं. बीपी पासपोर्ट बनवाने वाले मरीजों को महीना पूरा होने से पहले अस्पताल की तरफ से कॉल करके नियमित रूप से दवा लेने के लिए याद दिलाया जाएगा. साथ ही मरीजों को बताया जाता है कि उन्हें जीवन भर लगातार दवा खानी है और समय पर दवा लेते रहना उनके स्वास्थ्य के लिये बेहद जरूरी है. बीपी पासपोर्ट बनने के साथ ही मरीजों की पूरी जानकारी सिंपल एप में फीड कर दी जाती है. जिसकी मदद से मरीजों को नियमित कॉल करके उनकी जांच व दवाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी. बीपी पासपोर्ट बनाने से पहले मरीजों को यह भी बताया जाता है कि उन्हें किस तरह से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए खाने-पीने में परहेज करना है.

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इसके अलावा सभी मरीजों को नियमित रूप से टहलने और व्यायाम करने को भी कहा जाता है. क्योंकि दवा के साथ ही परहेज और व्यायाम करके हाइपरटेंशन से काफी हद तक बचा जा सकता है. देश में हाइपरटेंशन के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. इसके साथ ही इस गम्भीर बीमारी की वजह से मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है.जिस वजह से सरकार ने बीपी पर नियंत्रण और उससे लोगों की जिंदगी बचाने के मकसद से बीपी पासपोर्ट कार्ड बनाकर मरीजों को देने की योजना शुरू की है. जिससे कि इस गंभीर रोग से होने वाली मौतों की संख्या कम की जा सके. साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोग इस बीमारी के बारे में पूरी तरह से जानें और इसकी चपेट में आने पर दवाओं का नियमित सेवन करके अपने जीवन को सुरक्षित कर सकें.मोती लाल नेहरू मंडलीय कॉल्विन हॉस्पिटल में हर महीने 3 हजार से अधिक मरीज ब्लड प्रेशर की जांच करवाने के लिए पहुंचते है.सरकार की तरफ से शुरू की गई इस योजना के तहत अब 140/90 के ऊपर जिनका भी ब्लड प्रेशर होगा उनका बीपी पासपोर्ट बनाया जाएगा और उन्हें महीने भर की दवा निशुल्क दी जाएगी.

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