प्रयागराज:पुस्तक प्रकाशन में कैरियर बनाने वाले युवाओं के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में रविवार से 10 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ. विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग और राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में शुरू हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में आज पुस्तक प्रकाशन के ऑब्जेक्टिव पर प्रकाश डाला गया.
पुस्तक प्रकाशन का 10 दिवसीय प्रशिक्षण हुआ शुरू. प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर पहुंचे हिंदुस्तानी अकादमी के अध्यक्ष उदय प्रताप सिंह ने ज्ञान को व्यवहारिकता से जोड़ने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से युवाओं के व्यवहार क्षेत्र का विस्तार होता है और उनके कौशल रोजगार और उद्गम से जोड़ने में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन उनकी रचनात्मकता को बढ़ाता है.
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राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के पाठ्यक्रम निदेशक मानस रंजन ने कार्यक्रम को किया सम्बोधित
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के पाठ्यक्रम निदेशक मानस रंजन ने प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के समय में प्रकाशन रोजगार का मुख्य आधार बनता जा रहा है. इसमें अनुवाद संपादन, प्रूफ रीडिंग, पुस्तक परिकल्पना और उसकी प्रस्तुति के कई तकनीक स्वरूप शामिल है.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जैसे-जैसे प्रकाशन और इससे संबंधित कार्यों में कंप्यूटर तथा प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ता जा रहा है. वैसे-वैसे व्यवसाय की व्यापकता भी बढ़ती जा रही है. इसका स्वरूप बदलता जा रहा है. सात सितंबर से 16 सितंबर तक चलने वाले पुस्तक प्रकाशन प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रतिभागियों को ई पब्लिशिंग, प्रकाशन प्रक्रिया, कॉपीराइट, आईएसबीएन और आईएसएसएन की बारीकियों के बारे में बताया जाएगा.
इस तरह के कार्यक्रम से शोधार्थियों और विद्यार्थियों को शोध आलेख और शोध प्रबंध लेखन में लाभ मिलेगा. एनबीटी इस वर्ष पुस्तक प्रकाशन का रजत जयंती वर्ष मना रहा है. यह सन 1957 में भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया था, जिसका उद्देश्य अंग्रेजी, हिंदी तथा भारतीय भाषाओं में उच्च कोर्ट के साहित्य का प्रकाशन और मेले का आयोजन कराना है.
-चंदा देवी, हिंदी विभागाध्यक्ष, इलाहाबाद विश्वविद्यालय