प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोकशी और मारपीट, धमकी के आरोप में कौशांबी के सैनी थाने में दर्ज एफआईआर के तहत याचियों के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने याचियों को विवेचना में सहयोग करने का भी निर्देश दिया है.यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज नकवी तथा न्यायमूर्ति नवीन श्रीवास्तव की खंडपीठ ने शेर मोहम्मद उसके बेटों जैदी,सादान,अहद और शहजादे की याचिका पर दिया है.
कथित गोकशी मामले में आरोपियों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत - प्रयागराज खबर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गोकशी के एक मामले में सुनवाई करते हुए आरोपियों पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं शिकायतकर्ता को नोटिस देकर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है.
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दरअसल, याचीगण के खिलाफ उसी गांव के निवासी दाउद ने गोकशी के आरोप में केस दर्ज कराया है. गाय मारकर मांस बाजार में बेचने का आरोप लगाया है. याचियों का कहना है कि उन्हें झूठ फंसाया गया है. घटना के 18 दिन बाद 24जून 2021 को केस दर्ज कराया गया है. याची ने शिकायतकर्ता के खिलाफ 14 जून 2018 को हत्या के आरोप में केस दर्ज कराया था. याची ने बताया कि उसके पास एक ही गाय थी, वह दरवाजे पर बंधी है. जब गोकशी हुई ही नहीं तो अपराध नहीं हुआ. ऐसे में एफआईआर रद्द की जाय. इस पर कोर्ट ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस याचिका की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.