प्रयागराज : उमेश पाल अपहरण केस में 28 मार्च को बाहुबली अतीक अहमद के साथ ही उसके वकील खान सौलत हनीफ को भी एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. अतीक के वकील पर लगे आरोप सही पाए गए थे. इस फैसले के बाद वकीलों की छवि को लेकर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. इसे देखते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने बड़ा फैसला लिया है. अब एसोसिएशन में किसी वकील के शामिल होने से पहले उसकी गहनता से जांच कराई जाएगी, जिससे आपराधिक किस्म के लोगों को वकालत के पेशे में आने से रोका जा सके.
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महामंत्री नितिन शर्मा का कहना है कि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन में किसी भी अधिवक्ता को शामिल करने से पहले उससे शपथ पत्र लिया जाता रहा है. इसमें सम्बन्धित को लिखकर देना होता है कि उसके खिलाफ किसी भी तरह का आपराधिक केस नहीं दर्ज है. बार एसोसिएशन में रजिस्ट्रेशन से पहले किसी भी तरह का आपराधिक मुकदमा दर्ज है तो उस व्यक्ति को मेम्बरशिप नहीं दी जाती है. अब वकालत की डिग्री लेने के बाद कोई भी व्यक्ति झूठी जानकारी या गलत हलफनामा देकर बार का मेम्बर बन भी जाता है तो उसके खिलाफ बार की तरफ से कार्रवाई की जाएगी.