प्रयागराजःसंगमनगरी में विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की हत्या ने कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है. शुक्रवार को बदमाशों ने बेखौफ बम और गोलियों की बौछार कर उमेश पाल को मौत के घाट उतार दिया था. जिससे प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सरकार के तमाम दावों पर सवाल उठने लगे हैं. मामले में सुरक्षा में तैनात दो पुलिस वाले भी बुरी तरह से घायल हो गए थे. पुलिस और क्राइम ब्रांच के साथ ही एसटीएफ की टीम भी इस मामले की जांच में लगी हुई है.
गौरतलब है कि उमेश पाल शुक्रवार को जनपद न्यायालय में अतीक अहमद के खिलाफ चल रहे अपहरण के मामले की अंतिम बहस से होकर घर लौटे थे. धूमनगंज थाना क्षेत्र सलेम सराय इलाके में जीटी रोड पर उमेश पाल पर उनके घर के बाहर ही हमला हो गया. बाइक से पहुंचे हमलावरों ने उमेश पाल को निशाना बनाकर फायरिंग शुरू कर दी. इसी बीच एक हमलावर ने बमबाजी शुरू कर दी. अचानक हुए इस हमले में उमेश पाल के साथ मौजूद गनर जब तक जवाबी कार्रवाई करते तब तक दोनों सिपाही भी बदमाशों की गोली का निशाना बन चुके थे. घायल होने के बावजूद उमेश पाल और उसके गनर घर में अंदर की तरफ भागे. लेकिन हथियारों और बम से लैश बदमाशों ने घर के अंदर घुसकर गोली और बमबारी की. ताबड़तोड़ फायरिंग और बमबाजी में उमेश पाल की मौत हो गयी. वहीं दोनों गनर की हालत गंभीर हैं.
हमलावर झोले में लेकर आया था ढेर सारा बमःइस हत्याकांड के सीसीटीवी फुटेज में एक हमलावर झोले में भरकर बम लाता नजर आया. उमेश पाल पर गोलीबारी के साथ ही उसने बमबारी शुरू कर दी. वो लगातार झोले से बम निकालकर बमबाजी करता हुआ दिख रहा है. इस दौरान सरेआम सड़क से लेकर उमेश पाल के घर के अंदर तक बमबारी देखने को मिली. एक तरफ दो बदमाश लगातार उमेश पाल और सिपाहियों पर फायरिंग कर रहे थे.
बसपा विधायक राजू पाल के करीबी थे उमेश पालःप्रयागराज के धूमनगंज थाना क्षेत्र के रहने उमेश पाल बसपा के विधायक रहे राजू पाल के बेहद करीबी थे. 17 साल पहले 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े बदमाशों ने राजू पाल के काफिले को घेरकर उसे ताबड़तोड़ फायरिंग कर मारकर मौत के घाट उतार दिया था. उस घटना में राजू पाल के साथ ही उनके दो गनर भी मारे गए थे, जबकि गाड़ी में मौजूद कई और लोग जख्मी भी हुए थे. घटना के बाद राजू पाल के पक्ष से अतीक अहमद और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ समेत 11 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया गया था. जबकि उस घटना के ज्यादातर गवाह गवाही से मुकर चुके हैं.
कचहरी से होकर लौटे थे उमेश पालःउमेश पाल ने अतीक अहमद समेत 9 लोगों के खिलाफ अपहरण करने और धमकाने का केस दर्ज करवाया था. जिस मामले में उमेश की गवाही पूरी हो चुकी थी और इन दिनों उस केस की बहस अंतिम दौर में चल रही थी. शुक्रवार को उसी बहस को सुनकर जनपद न्यायलय से उमेश पाल घर वापस लौटे थे जब उनके ऊपर हमला किया गया.
भाजपा से जुड़ गए थे उमेश पालःउमेश पाल बसपा के विधायक राजू पाल के रिश्तेदार होने के साथ ही अच्छे दोस्त भी थे. 2005 में जब राजू पाल बसपा से विधायक चुने गए थे तब उमेश पाल भी बसपा से जुड़े थे. लेकिन कुछ साल पहले वो बसपा छोड़कर सपा में शामिल हो गए थे. हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव के समय वो सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए और कुछ भाजपा नेताओं के करीबी भी हो गए. उमेश पाल भाजपा नेता होने के साथ ही एक वकील भी थे. राजू पाल और खुद से जुड़े कई मामलों में उमेश कोर्ट में जिरह और पैरवी भी करते थे.
अतीक अहमद के बेटे हिरासत मेंःइस हत्याकांड के बाद पुलिस टीम ने सबसे पहले बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के घर दबिश दी. जहां पर अतीक अहमद के तीन बच्चों समेत पांच लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसमें अतीक अहमद के एहजम और आबान के साथ ही उसके दोस्त भी शामिल हैं. हालांकि इस मामले में पुलिस अफसरों ने किसी तरह की कोई जानकारी नहीं दी गई है. वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने हत्या की जांच के लिए गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद अतीक अहमद से जुड़ी जानकारी भी हासिल की है. साथ ही पुलिस ने अतीक अहमद से मिलने वालों की जानकारी जेल प्रशासन से मांगी है. गुजरात से आने जाने वाली कॉल्स डिटेल्स को भी ट्रेस किया जा रहा है.
सीसीटीवी फुटेज के सहारे हत्यारों की तलाशःपुलिस और क्राइम ब्रांच के साथ ही यूपी एसटीएफ की प्रयागराज युनिट मामले की जांच कर रही है. इस दौरान पुलिस सीसीटीवी से मिले फुटेज के सहारे हत्यारों का पता लगाकर उनकी शिनाख्त करने में जुटी है. साथ ही एक्सपर्ट की मदद से फायरिंग और बमबाजी करने वालों का पोस्टर बनवाया जा रहा है. जिससे उनकी पहचान की जा सके.
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