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अतीक अहमद के साथ उम्रकैद की सजा पाने वाले अधिवक्ता का रजिस्ट्रेशन बार काउंसिल करेगा निरस्त - अतीक अहमद की ताजी खबर

अतीक अहमद के साथ उम्रकैद की सजा पाने वाले अधिवक्ता का बार काउंसिल रजिस्ट्रेशन निरस्त करेगा. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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Published : Mar 30, 2023, 5:36 PM IST

प्रयागराजः बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के साथ उसके जुर्मों की सजा अब उसके वकील को भी मिलेगी.अतीक के वकील खान सौलत हनीफ को मंगलवार को जहां एमपी एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी वहीं, 2 अप्रैल तक अतीक के गुनाह में बराबर के हिस्सेदार बन चुके उसके वकील की बार काउंसिल उत्तर प्रदेश की मेम्बरशिप समाप्त कर दी जाएगी.

बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष ने दी यह जानकारी.

बाहुबली पूर्व सांसद अतीक अहमद के साथ आजीवन कारावास की सजा पाने वाले उसके वकील खान सौलत हनीफ की मुश्किलें और बढ़ने वाली है. 28 मार्च को एमपी एमएलए कोर्ट से सजा पाने के बाद अब यूपी बार काउंसिल उनकी मेम्बरशिप समाप्त करने की तैयारी कर चुका है.

बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की तरफ से अधिवक्ता खान सौलत हनीफ का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा.उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की ओर से आजीवन कारावास की सजा से दंडित किये गए अतीक अहमद के वकील का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाएगा. 2 अप्रैल से पहले बार काउंसिल की जनरल बॉडी की मीटिंग होने वाली है, उसी बैठक में प्रस्ताव पास कर अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ को बार काउंसिल से बाहर किया जाएगा.

बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के सदस्य व पूर्व अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि बार काउंसिल से जुड़ा कोई भी अधिवक्ता किसी मामले में न्यायालय द्वारा दोषी सिद्ध कर दिया जाता है तो उसकी सदस्यता समाप्त कर दी जाती है. बार काउंसिल के नियमानुसार अगर किसी अधिवक्ता पर कोई दोष सिद्ध होता है तो उसकी मेम्बरशिप निरस्त कर दी जाती है.

अतीक अहमद के वकील खान सौलत हनीफ की बार काउंसिल से सदस्यता समाप्त होने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की सदस्यता समाप्त हो जाएगी. बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के मेम्बर अमरेंद्र नाथ सिंह ने यह भी बताया कि किसी भी बार काउंसिल से मेम्बरशिप निरस्त होने के बाद कोई भी अधिवक्ता किसी कोर्ट में तब तक प्रैक्टिस नहीं कर सकता है जब तक कि उसकी सदस्यता बहाल न हो. निरस्त की हुई सदस्यता पुनः बहाल तभी हो सकती है जब सम्बंधित वकील को दी गई सजा पर ऊपरी अदालत स्टे लगा दे या फिर वह दोषमुक्त घोषित कर दिया जाए.

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