प्रयागराज: बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश अब ऐसे वकीलों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा है, जो वकालत के पेशे को बदनाम कर रहे हैं. वकील के भेष में दबंगई और गुंडई करके पेशे को बदनाम करने वालों चिन्हित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ ही उनके लाइसेंस को निरस्त करने की भी कार्रवाई करेगा. बार काउंसिल उन वकीलों की भी लड़ाई लड़ेगा, जिन्हें प्रताड़ित या परेशान किया जा रहा है. बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के नवनियुक्त पदाधिकारियों ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए वकीलों के कल्याण के लिए कई कार्य करने की बात कही है. पदाधिकारियों ने कहा कि अधिवक्ता का पेशा मान सम्मान बढ़ाने और समाज की सेवा करने वाला है. लेकिन, कुछ ऐसे लोग है जो इस पेशे को बदनाम करने का काम कर रहे हैं.
अपराधी वकीलों को किया जाएगा बाहर:बार काउंसिल उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने कहा कि अधिवक्ता समाज का निर्माता होता है. इसलिए हर एक अधिवक्ता इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें अधिवक्ता होने का लाइसेंस इसलिये नहीं दिया गया है कि वह मारपीट करें, उदण्डता करें और आपराधिक कार्यो में लिप्त रहें. उन्होंने कहा, प्रदेश भर के ऐसे सभी अधिवक्ताओं की सूची तैयार की जा रही है जो इस पवित्र पेशे की छवि धूमिल करने का काम कर रहे हैं. जो अधिवक्ता किसी अपराध में दोषी होने पर सजा पा चुके हैं, उनको बार से बाहर कर उनका लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी.
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सजायाफ्ता होने की जानकारी मिलने पर बार काउंसिल करता है कार्रवाई:बार काउंसिल यूपी के अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने बताया किअधिवक्ता उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी बनाए गए प्रयागराज के दो वकीलों के मामले में फर्जी केस होने पर लड़ाई खुद लड़ेंगे. अगर कोई अधिवक्ता किसी आपराधिक वारदात में शामिल होते हैं और कोर्ट उन्हें सजा देती है. ऐसे वकीलों के खिलाफ बार काउंसिल कार्रवाई करते हुए उनका लाइसेंस भी रद्द करेगी. हालांकि उनका यह भी कहना है कि किसी जिले के किसी अधिवक्ता को कोर्ट से सजा मिलती है तो उसकी प्रमाणित कॉपी के साथ बार काउंसिल को जानाकरी दी जाती है. दोषी वकील का लाइसेंस निरस्त कर उसे बार काउंसिल से बाहर करने की कार्रवाई होती है. हालांकि ऐसे मामलों में बार काउंसिल को स्वतः संज्ञान लेकर भी कार्रवाई करने का अधिकार है.
अतीक अहमद के साथ सजा पाने वाले वकील पर बार काउंसिल ने नहीं की कोई कार्रवाई:अध्यक्ष शिव किशोर गौड़ ने बताया कि24 फरवरी को अधिवक्ता उमेश और उसके साथ मारे गए दो सिपाहियों के मामले में अतीक अहमद के दो वकील आरोपी बनाए गए हैं. उमेश पाल अपहरण कांड में अतीक अहमद के साथ ही उसके वकील खान सौलत हनीफ को 28 मार्च को स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी. लेकिन, 28 मार्च के कोर्ट के उस फैसले के करीब 5 महीने बाद भी बार काउंसिल की तरफ से अधिवक्ता के खिलाफ कार्यवाई नहीं की गयी है.