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विधायक विजय मिश्र के बहुमंजिला काम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण पर रोक, जानिए कोर्ट की खबरें

बाहुबली विधायक विजय मिश्र को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने बाघम्बरी हाउसिंग स्कीम अल्लापुर स्थित उनके बहुमंजिला कॉम्पलेक्स के ध्वस्तीकरण पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी है. कोर्ट ने याची को ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ अपील दाखिल करने की छूट दी है और अपील पर एक सप्ताह में सुनवाई करने का निर्देश दिया है.

इलाहाबाद हाईकोर्ट.
इलाहाबाद हाईकोर्ट.

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Published : Oct 19, 2020, 10:57 PM IST

प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के अल्लापुर बाघम्बरी स्कीम में विजय मिश्र के परिवार के शॉपिंग काम्प्लेक्स को गिराने पर तीन हफ्ते तक रोक लगा दी है. कोर्ट ने याची को विकास प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण आदेश के खिलाफ हफ्ते भर में अपील दाखिल करने का समय दिया है और अपीलीय अधिकारी दो हफ्ते में विजय मिश्र के परिवार की अंतरिम अर्जी निस्तारित करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा है कि तीन हफ्ते तक या अंतरिम अर्जी तय होने तक शॉपिंग काम्प्लेक्स पर बुलडोजर नहीं चलेगा.

इंद्रकली व अन्य की याचिका पर जस्टिस एसपी केसरवानी और जस्टिस योगेंद्र श्रीवास्तव की खंडपीठ ने यह आदेश दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता अमरेन्द्र नाथ सिंह व लोकेश द्विवेदी ने बहस की.

एल टी ग्रेड अध्यापक भर्ती मामला-

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एल टी ग्रेड सहायक अध्यापक भर्ती 2016 मामले में बोर्ड से पूछा है कि क्या वह याचियों को प्राविधिक तौर पर साक्षात्कार में शामिल करेगा या नहीं. कोर्ट ने बोर्ड को अंतिम अवसर देते हुए 20 अक्टूबर को जानकारी देने का निर्देश दिया है.

कोर्ट ने कहा है कि याचियों के इस तर्क में बल है कि सन 2000 में कक्षा 9 व 10 को अलग कर दिया गया था. कक्षा 9 में तकनीकी आर्ट था, किंतु 10 में नहीं था. याचियों को तकनीकी आर्ट का ज्ञान होने के नाते चयन में शामिल होने का अधिकार है. बोर्ड यह नहीं कह सकता है कि याची न्यूनतम योग्यता नहीं रखते. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने मुकेश तिवारी व 16 अन्य की याचिका पर दिया है.

याची के वरिष्ठ अधिवक्ता आर के ओझा का कहना है कि लिखित परीक्षा में याची पास हैं. उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया भी गया, किन्तु उन्हें यह कहते हुए साक्षात्कार में शामिल नहीं किया गया कि हाईस्कूल में तकनीकी आर्ट की योग्यता नहीं है. वहीं इसे चुनौती दी गई है. याची का कहना है कि उन्हें पाठ्यक्रम बदलने के कारण अयोग्य नहीं माना जा सकता. उन्होंने कक्षा 9 में तकनीकी आर्ट की शिक्षा ली है. ज्ञान होने के नाते वे न्यूनतम योग्यता रखते हैं.

कोर्ट ने बोर्ड को मंगलवार तक स्पष्ट करने का निर्देश दिया है कि क्या याचियों को साक्षात्कार में बैठने देंगे या नहीं. कोर्ट ने कहा कि यह अवसर अंतरिम आदेश पारित करने से पहले दिया जा रहा है. याचिका की सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी.

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