प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आधीरात घर में घुस चाकू की नोक पर महिला से दुष्कर्म के आरोपी की एससीएसटी एक्ट में विशेष न्यायालय द्वारा जमानत निरस्त करने के आदेश को रद्द कर दिया है और याची को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया है. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने झांसी सिपरी बाजार निवासी अशोक कुशवाहा की अपील को स्वीकार करते हुए दिया है.
दुष्कर्म के आरोपी की जमानत याचिका कोर्ट ने की मंजूर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के एक आरोपी की जमानत याचिका मंजूर कर दी. यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार ने झांसी निवासी अशोक कुशवाहा की याचिका को स्वीकर किया है.
अपील पर अधिवक्ता अश्विनी कुमार ओझा ने बहस की. इनका कहना था कि पीड़िता के बयान और मेडिकल रिपोर्ट से प्राथमिक में लगाए गए दुष्कर्म के आरोप को समर्थन नहीं मिलता. उसे झूठा फंसाया गया है.
मेडिकल रिपोर्ट दुष्कर्म की पुष्टि नहीं करती. याची 23 जुलाई 2020 से जेल में है. उसे रिहा किया जाए. शिकायतकर्ता का कहना था कि पति घर में नहीं था. उसका फायदा उठाकर उसकी पत्नी के साथ दुष्कर्म किया गया और बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर गंभीर अपराध किया है. जमानत न दी जाए. कोर्ट ने तर्कों और दस्तावेजों के परिशीलन के बाद जमानत पर रिहाई का निर्देश दिया है.