प्रयागराज: लखनऊ में हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हुई सनसनीखेज हत्याकांड के आरोपी सैयद आसिम अली की दूसरी बार जमानत अर्जी को प्रयागराज जिला न्यायालय ने खारिज कर दिया है. अपराध की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने अभियुक्त आसिम अली को जमानत देने से इनकार किया.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुकदमे की सुनवाई कर रहे प्रयागराज जिला न्यायालय ने 18 अप्रैल को अभियुक्त आसिम अली की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रखा था. अभियुक्त की तरफ से जमानत अर्जी पर दलील दी गई थी कि वह निर्दोष है. उसे रंजिशन फंसाया गया है. उसका इस हत्याकांड से कोई लेना देना नहीं है. लेकिन सरकार की तरफ से डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरी (DGC Criminal Gulab Chandra Agrahari) ने अभियुक्त की जमानत अर्जी का पुरजोर विरोध किया.
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सरकारी वकील की तरफ से कहा गया कि अभियुक्त को जमानत देना अपराध को बढ़ावा देने जैसा होगा. कमलेश तिवारी की हत्या जघन्य तरीके से की गई है. अभियुक्त सैयद आसिफ अली ही इस घटना का मुख्य सूत्रधार बताया गया है. चार्जशीट में भी उसके खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं. घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों से उसकी बातचीत के सीडीआर में सबूत मिले हैं. ऐसे में उसे जमानत देना न्यायोचित नहीं होगा. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद मंगलवार को अभियुक्त सैयद आसिम अली की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है.
गौरतलब है कि अभियुक्त सैयद आसिम अली की पहली जमानत अर्जी लखनऊ जिला न्यायालय (Lucknow District Court) पहले ही खारिज कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुकदमे का ट्रायल प्रयागराज की जिला न्यायालय में चल रहा है. अभियुक्त सैयद आसिम अली ने यहां दूसरी जमानत अर्जी दाखिल की थी. दूसरी अर्जी भी प्रयागराज की जिला न्यायालय ने मंगलवार को खारिज कर दिया है.
गौरतलब है कि हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की हत्या 18 अक्टूबर 2019 को लखनऊ के हिंडोला थाना क्षेत्र (Hindola Police Station Area) में उस वक्त हुई थी, जब वह अपने पार्टी दफ्तर के भीतर बैठे हुए थे. उसी समय गोली और चाकूओं से गोदकर उनकी नृशंस हत्या की गई थी. हत्या के बाद मृतक कमलेश तिवारी की पत्नी ने लखनऊ के हिंडोला थाने में अभियुक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था.
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