प्रयागराज: गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए दुनिया की सबसे बड़ी पदयात्रा कर रहे, मुंडमाल गंगा परिक्रमा के पदयात्री एवं वृक्षमाल अभियान टीम के सदस्य लगभग 5900 किमी की अपनी पदयात्रा पूरी करके आरम्भ स्थल प्रयागराज पहुंच गए हैं. यात्रा 23 जून को प्रयागराज की सीमा में प्रवेश करके अपने प्रारंभ बिंदु समुद्र कूप पहुंच गई, जहां मां गंगा का विधिवत पूजा-पाठ और महाआरती करके यात्रा का समापन किया गया. साथ ही यात्रियों ने परिक्रमा कर इस कार्यक्रम की सफलता का आशीर्वाद भी लिया.
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लोगों को दिया संदेश
अतुल्य गंगा के संस्थापक पूर्व सैनिक अधिकारी गोपाल शर्मा, लेफ्टिनेंट कर्नल हेम लोहमी और कर्नल मनोज केशवर द्वारा मां गंगा को फिर से अविरल और निर्मल बनाने के लिए 11 वर्षों का अभियान शुरू किया गया है. इस अभियान की शुरुआत मुंडमाल गंगा परिक्रमा 15 दिसम्बर 2020 को प्रयागराज से की गई थी. इस यात्रा के माध्यम से पदयात्रियों ने गंगा के किनारे पड़ने वाले गांव में स्वच्छता निर्मलता व अभियंता का संदेश दिया. समापन अवसर पर गोपाल शर्मा ने मौजूद आमजन से कहा कि गंगा की स्वच्छता वह निर्मलता के लिए यह एक प्रयास था, जो आमजन के सहयोग से पूर्ण हुआ है. गंगा की सफाई का कार्य सिर्फ सरकार के जिम्मे में नहीं है, बल्कि इसके लिए जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है. यह यात्रा अपने आप में एक अद्वितीय थी. इसका जो अनुभव हुआ वह हमेशा याद रहेगा.
35 हजार से ज्यादा पेड़ लगाए इस परिक्रमा में अतुल्य गंगा टीम ने हर 10-15 किलोमीटर के बाद गंगा जल के प्रदुषण का 12 पैरामीटर के तहत जांच के साथ-साथ गंगा में गिरने वाले सारे नाले को चिन्हित किया. अतुल्य गंगा के साथ मिलकर ग्रीन इंडिया फाउंडेशन विजय शुक्ला एवं कालेश्वर मिश्रा के नेतृत्व में वृक्षमाल अभियान चला रही है. इसी अभियान के दौरान ग्रीन इंडिया फाउंडेशन की टीम ने विद्यालय, मंदिर, गंगा घाट आदि स्थानों पर न केवल वृक्षारोपण किया बल्कि उन वृक्षों की जिम्मेदारी स्थानीय नागरिकों को सौंपी. वृक्षमाल अभियान के दौरान लगभग 35 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं और 47000 पौधे वृक्ष प्रेमियों को बांटे गए हैं. इस अभियान के दौरान 76000 विद्यार्थियों को और लाखों गंगा तटवासियों को ग्रीन इंडिया फाउंडेशन की टीम ने वृक्ष लगाने के लिए प्रेरित किया. टीम ने 'अपनी सांसे खुद उपजायें, आओ सब मिलकर पेड़ लगायें' के नारे का महत्व बताया.