प्रयागराज: संगम नगरी में जनवरी में माघ मेला की शुरुआत होनी है. लेकिन, माघ मेला से पहले ही संगम तट पर सात समंदर पार से आए हुए पक्षियों का मेला शुरू हो गया है. गंगा यमुना की लहरों पर अठखेलियां करने वाले ये पक्षी साइबेरिया से हर साल हजारों मील का सफर तय कर प्रयागराज पहुंचते हैं. यहां पर पक्षियों को देखने और उन्हें दाना खिलाने के लिए लोगों की भीड़ जुटती रही है. इन लोगों का कहना है कि वो जाड़े के मौसम का इंतजार करते हैं. जब ये पक्षी संगम पर आ जाते हैं तो वो संगम स्नान के साथ ही पक्षियों को दाना खिलाकर पुण्य अर्जित करते हैं.
प्रयागराज में हर साल जनवरी में माघ मेले का आयोजन होता रहा है. लेकिन, माघ मेले के साथ ही प्रयागराज में गंगा यमुना की लहरों पर दूध जैसे सफेद दिखने वाले साइबेरियन पक्षियों का जमावड़ा लगा रहता है. पक्षियों के इस झुंड को दाना खिलाने के लिए श्रद्धालुओं में भी होड़ लगी रहती है. संगम स्नान करने के लिए आने वाले श्रद्धालु नाव से नदी की बीच धारा में स्नान करने जाते हैं. उसी दौरान बीच नदी की धारा में अठखेलियां करने वाले पक्षियों के झुंड को लोग दाना खिलाते हैं.
साइबेरियन पक्षियों का आगमन ठंड की दस्तक के साथ ही शुरू हो जाता है. इसी कड़ी में संगम तट पर नवबंर के शुरुआत के साथ ही साइबेरियन पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है. जैसे-जैसे ठंड का मौसम बढ़ेगा वैसे-वैसे इन पक्षियों की संख्या संगम तट पर बढ़ती जाएगी. धीरे-धीरे पक्षियों की यह संख्या संगम और उसके पास हजारों की संख्या में हो जाती है. जिस वक्त प्रयागराज में माघ मेला का आयोजन होता है, उस समय संगम पर पक्षियों की संख्या चरम पर दिखती है.