प्रयागराज:उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट को बरी करने के आदेश के खिलाफ सरकारी अपील दायर करने की प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले अपने सर्कुलर से अवगत कराया. सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि सरकार अभियुक्त की रिहाई के बाद दाखिल होने वाली सरकारी अपीलों पर विधि परामर्शी व शासकीय अधिवक्ताओं से राय लेने के बाद ही अपीलें दाखिल करेगी.
यह सर्कुलर हाईकोर्ट के जस्टिस सुनीता अग्रवाल और जस्टिस विकास कुंवर श्रीवास्तव की खंडपीठ के दो आदेशों के अनुसार ही निकाला गया. इन आदेशों में राज्य सरकार को संबंधित नीति/ सरकारी आदेश/ सर्कुलर का विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था. कोर्ट ने उक्त आदेश उत्तर प्रदेश राज्य बनाम वासुदेव चौहान के केस में पारित किया. बेंच ने 30 मार्च को दो ऐसी सरकारी अपीलों को खारिज करने के बाद आदेश जारी किया था. इन सरकारी अपीलों में यह पाया गया था कि अभियोजन पक्ष दोनों मामलों में आरोपियों की सजा के लिए निचली अदालत के समक्ष कोई सबूत नहीं ला सका था.
गौरतलब है कि अदालत ने दोनों सरकारी अपीलों को खारिज करते हुए आश्चर्य जताया था कि दोनों मामलों में सरकारी अपीलें किसके सलाह पर हाईकोर्ट में दायर की गईं जबकि अभियोजन पक्ष के पास आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ लोअर कोर्ट में कोई सबूत नहीं था.