लखनऊ: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरी (mahant narendra giri) के संदिग्ध सुसाइड मामले में सीबीआई की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद आनंद गिरी (Anand Giri) समेत तीनो आरोपियों को पुलिस लाइन से नैनी सेंट्रल जेल वापस पहुंचा दिया गया है. सीबीआई (CBI) ने तीनों आरोपियों से पूछताछ के लिए 28 सितंबर को रिमांड पर लिया था. रिमांड अवधि समाप्त होने से पहले ही सीबीआई की टीम ने तीनों आरोपियों को नैनी सेंट्रल जेल (Naini Central jail) वापस पहुंचा दिया.
आपको बता दें कि महंत नरेंद्र गिरी के संदिग्ध मौत (Mahant Narendra Giris suicide) मामले में उक्त कमरे से सुसाइड नोट मिला था, जिसके अनुसार सुसाइड के लिए उन्होंने आनंद गिरी के साथ ही आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप तिवारी को जिम्मेदार बताया था. इस पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौप दी गई थी. सीबीआई ने जांच शुरू करने के साथ ही आरोपी आनंद गिरी,आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को रिमांड पर ले लिया था.
Mahant Narendra Giri Death case: CBI रिमांड खत्म होने के बाद आनंद गिरी नैनी जेल शिफ्ट - Niranjani Akhara
महंत नरेंद्र गिरी (mahant narendra giri) के संदिग्ध सुसाइड मामले में सीबीआई की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद आनंद गिरी (Anand Giri) समेत तीनो आरोपियों को पुलिस लाइन से नैनी सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया है. सीबीआई (CBI) ने तीनों आरोपियों से पूछताछ के लिए 28 सितंबर को रिमांड पर लिया था.
सात दिन की मिली थी सीबीआई को रिमांड
मामले में सीजेएम कोर्ट से सीबीआई को तीनों आरोपियों की सात दिन की रिमांड मिल गई थी. उसी के बाद से सीबीआई तीनों आरोपियों से पूछताछ कर रही थी. सीबीआई रिमांड अवधि के दौरान आरोपी आनंद गिरी को लेकर हरिद्वार तक गई थी. हरिद्वार में आनंद गिरी के आश्रम में जाकर सीबीआई ने गहन तलाशी और छानबीन की. बताया जा रहा है उस दौरान सीबीआई ने हरिद्वार आश्रम में मिले एक लैपटॉप और मोबाइल को भी अपने कब्जे में लिया है. बताया जा रहा है कि अभी आनंद गिरी के खिलाफ सीबीआई को ठोस सबूत नहीं मिले हैं. हालांकि, आनंद गिरी के वकील ने कहाकि आनंद गिरी ने जेल पहुंचने से पहले कहा कि जो अभी जश्न मना लें, लेकिन सीबीआई जांच में सामने आएगा. वारदात में शामिल कोई बच नहीं पायेगा. इस घटना के जो भी दोषी हैं उन्हें कठोर सजा मिलेगी.
आनंद गिरी को लेकर सीबीआई की टीम जब नैनी सेंट्रल जेल पहुंची तो जेल के गेट से अंदर घुसने से पहले आनंद गिरि ने पीछे घूम कर मीडिया वालों की तरफ हाथ दिखा कर अभिवादन किया. इससे पहले आनंद गिरि ने अपने वकील से बातचीत में कहाकि सीबीआई की जांच पर भरोसा है. जांच में पूरी घटना का खुलासा होगा जो भी दोषी होगा उसे सजा जरूर मिलेगी.
दो साल पहले हुए सुसाइड केस की जांच की भी मांग उठी
आनंद गिरी के वकील विजय द्विवेदी ने बताया कि साल 2019 में पंचायती अखाड़ा के श्री निरंजनी के सचिव रहे आशीष गिरी ने भी संदिग्ध हालात में सुसाइड किया था. उनका शव निरंजनी अखाड़े के कक्ष में मिला था. कनपटी पर गोली लगने से उनकी मौत हुई थी, जबकि रिवाल्वर उनके ही हाथ में मिली थी. इसी के साथ कमरे में दो कारतूस के दो खोखे भी मिले थे. दो खोखे मिलने की वजह से घटना को संदिग्ध बताया गया था, लेकिन उस वक्त अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी ने भी घटना को सुसाइड मानते हुए मृतक आशीष गिरी को शराबी बताया था. जिस वजह से लीवर खराब होने को सुसाइड का कारण भी बताया था. अब आनंद गिरी के वकील ने उस मामले की भी फिर से जांच करने की मांग उठायी है.