इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया. प्रयागराज :इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह की ओर से छात्र को डंडे से पीटने का मामला तूल पकड़ने लगा है. 17 अक्टूबर को हुई इस घटना के विरोध में छात्रों ने गुरुवार से धरना प्रदर्शन किया. चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई न होने पर आमरण अनशन की शुरुआत कर दी. यूनियन हाल गेट के बाहर छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट को कैंपस में प्रवेश नहीं दिया गया. गेट पर ताला लगा दिया गया. इसके बाद गेट के बाहर ही तमाम छात्र छात्राएं धरने पर बैठ गए.
17 अक्टूबर को प्रॉक्टर ने की थी पिटाई :इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं के निलंबन, निष्कासन के साथ ही छात्रसंघ बहाली, फीस वृद्धि आदि मांगों को लेकर लाइब्रेरी गेट पर 17 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. उस दौरान छात्रों और चीफ प्रॉक्टर के बीच कहासुनी हो गई. प्रॉक्टर ने छात्र विवेक कुमार को डंडे से पीट दिया था. चीफ प्रॉक्टर द्वारा छात्र की पिटाई किए जाने का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया था. छात्र लगातार प्रॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने और विश्वविद्यालय से उनको बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं.
कार्रवाई होने तक आंदोलन जारी रखने का ऐलान. छात्रों ने गुरुवार से शुरू किया क्रमिक अनशन :इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के छात्र चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग को लेकर अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का एलान कर चुके हैं. गुरुवार को आइसा, एनएसयूआई समेत कई अन्य छात्र संगठनों से जुड़े छात्र नेता यूनिवर्सिटी के यूनियन हाल गेट पर प्रदर्शन करने जुटे थे, लेकिन छात्रों के धरने को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों ने यूनियन हॉल गेट पर ताला लगा दिया. गेट से सभी के आवाजाही पर रोक लगा दी गई. छात्रों ने गेट में ताला लगाने पर नाराजगी जताई. छात्रों के कहने के बावजूद गेट को खोला नहीं गया. छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इसी के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने ऐलान किया कि वो अब अपनी मांग पूरी न होने तक यूनियन हाल के गेट पर अनवरत क्रमिक अनशन करेंगे.
छात्रों की ये हैं प्रमुख मांगें :यूनिवर्सिटी के यूनियन हॉल गेट पर विरोध प्रदर्शन के साथ क्रमिक अनशन की शुरुआत करने वाले छात्रों की तरफ से एक मांग पत्र जारी किया गया है. चीफ प्रॉक्टर द्वारा किए गए बर्बर हमले पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई और बर्खास्तगी, छात्र हितों की आवाज उठाने के लिए शोध छात्र मनीष कुमार व परास्नातक के छात्र हरेंद्र यादव समेत दूसरे छात्रों के निलंबन, निष्कासन की कार्रवाई वापस ली जाए. आईडी कार्ड चेक करने के नाम पर बनाये गए भय के माहौल को खत्म किया जाए. शाम 6 बजे के बाद लाइब्रेरी में प्रवेश पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाया जाए. आंदोलन के दौरान छात्रों के ऊपर दर्ज करवाए गए मुकदमे वापस लिए जाए.
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